Prime Minister Harvinder will be honored by the Prime Minister!
माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं की जान बचाने के लिए CRPF के हेडकांस्टेबल हरविंदर सिंह ने अपने जीवन की आहुति दे दी. शहीद हेडकांस्टेबल हरविंदर सिंह की शहादत को नमन करने के लिए PMO ने उनका नाम का जीवन रक्षा कैटेगरी में दिए जाने वाले प्रधानमंत्री पुलिस मेडल के लिए चयनित किया है. शहीद हेडकांस्टेबल हरविंदर सिंह की तरफ से यह सम्मान उनकी पत्नी हरजीत कौर ग्रहण करेंगी. उल्लेखनीय है कि शहीद हेडकांस्टेबल हरविंदर सिंह ने 24 अगस्त को माता वैष्णों देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की जिंदगी बचाते हुए शहादत को गले लगाया था. उन्होंने अपनी इस शहादत से करीब एक दर्जन श्रद्धालुओं की जान बचाई थी. जिसमें अधिकांश बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे थे.
क्या था पूरा हादसा
इस हादसे के समय माता वैष्णों देवी में तैनात CRPF के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह वाकया 24 अगस्त 2016 का है. उस दिन हेडकांस्टेबल हरविंदर सिंह की तैनाती मंदिर के गेट नंबर तीन पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा जांच के लिए की गई थी. भवन (माता वैष्णो देवी मंदिर) में सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बेहद सीमित थी.
दोपहर के समय श्रद्धालुओं का एक जत्था अपनी सुरक्षा जांच के लिए हेडकांस्टेबल हरविंदर सिंह के पास पहुंचा. इस जत्थे में अधिकांश बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल थे. हेडकांस्टेबल हरविंदर सिंह ने इस जत्थे की सुरक्षा जांच के बाद अंदर भेजा ही था, तभी ऊपर लगे टीन शेड पर पत्थरों के गिरने की आवाज उनके कानों पर पड़ी.
उन्होंने देखा कि एक बड़ी सी चट्टान पहाड़ से लुढकते हुए श्रद्धालुओं की तरफ चली आ रही है. श्रद्धालुओं को बचाने के लिए हेड कांस्टेबल हरविंदर सिंह लोहे की ग्रिल से घिरे रास्ते में घुस गए और श्रद्धालुओं को बाहर निकालने लगे. इस दौरान कई ऐसे भी श्रद्धालु थे, जिन्हें हेड कांस्टेबल हरविंदर सिंह ने अपने हाथों में उठाकर बाहर तक पहुंचाया.
तभी जिस चट्टान से वह श्रद्धालुओं को बचाने की कोशिश कर रहे थे, वहीं चट्टान उनके ऊपर आ गिरी. चट्टान इतनी भारी थी कि दर्जनों आदमी मिलकर भी उसे हिला भी नहीं पा रहे थे. करीब डेढ़ घंटे की जद्दोजहद के बाद चट्टान को तोड़ा गया. जिसके बाद उनके मृत शरीर को चट्टान से बाहर निकाला जा सका.
बेटी ने दी थी शहीद हेडकांस्टेबल हरविंदर सिंह को मुखाग्नि
CRPF के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार शहीद हेडकांस्टेबल हरविंदर सिंह मूल रूप से पंजाब के होशियारपुर जिले के अंतर्गत आने वाले गलिया गांव के रहने वाले थे. उनके पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ कटरा से उनके पैत्रक गांव के लिए रवाना किया गया. चूंकि उनके परिवार में एकलौती बेटी थी, लिहाजा उनका अंतिम संस्कार और मुखाग्नि देने की रस्म उनकी बेटी रवनीत कौर ने पूरी की.
सम्मान पर परिजनों ने जताई खुशी
प्रधानमंत्री पुलिस मेडल मिलने पर शहीद हेडकांस्टेबल हरविंदर सिंह के परिजनों ने खुशी जाहिर की है. जी न्यूज (डिजिटल) से बातचीत में उनकी पत्नी हरजीत कौर ने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे CRPF मुख्यालय से उनके शहीद पति को मिलने वाले सम्मान के बारे में बताया गया है. उन्हें अभी यही सूचना दी गई है कि प्रधानमंत्री की तरफ से उनके शहीद पति को जीवन रक्षा के लिए पुलिस मेडल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके मेडल के जरिए उनके शहीद पति को मिलने वाले सम्मान की खबर से बेहद खुश हैं. उन्हें खुशी है कि उसके पति की शहादत को दुनियां नमन कर रही है.