बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती के मौके पर छत्तीसगढ़ में शनिवार (14 अप्रैल) केंद्र और राज्य की कई परियोजनाओं की नींव रखने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण से में सविता साहू के ई-रिक्शे में किए सफर की कहानी की भी शुमार की। प्रधानमंत्री ने कहा- ”आज मुझे सविता साहू जी के ई-रिक्शा पर सवारी का अवसर भी मिला। सविता जी के बारे में मुझे बताया गया कि उन्होने नक्सली-माओवादी हिंसा में अपने पति को खो दिया था। इसके बाद उन्होंने सशक्तिकरण का रास्ता चुना, सरकार ने भी उनकी मदद की और अब वो एक सम्मान से भरा हुआ जीवन जी रही हैं।”
सविता साहू की कहानी बताते हुए पीएम मोदी ने राज्य के नक्सिलयों से हिंसा छोड़ने का आग्रह किया और कहा कि सरकार उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यहां आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- “डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर की जयंती के मौके पर मैं हिंसा के रास्ते पर चल रहे युवाओं से यह कहना चाहूंगा कि संविधान आपके अधिकारों की रक्षा करता है। आपके अधिकारों की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है। आपको हथिार उठाने और अपनी जिंदगी नष्ट करने की जरूरत नहीं है।”
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हिंसक गतिविधियों के पीछे राज्य के बाहर के लोग हैं और वही स्थानीय युवाओं की मौत के लिए भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा- “उनके प्रमुखों में से कोई भी आपके इलाके का नहीं है। वे आपके राज्य के बाहर से आते हैं। अगर आप उनके नाम, उपनाम जानेंगे तो आपको पता चलेगा कि वे कौन हैं। उन्हें मरना नहीं है। वे जंगलों में सुरक्षित छिपे हैं। वे आपके बच्चों को गोलियों का सामना करने के लिए भेजते हैं। क्या आप अपने बच्चों को ऐसे लोगों के लिए छोड़ेंगे?”
प्रधानमंत्री ने कहा- “बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा और कृषि उत्पादन के मुआवजे को सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है।” उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मी अपनी जिंदगियों को जोखिम में डालकर स्कूलों के सुचारु संचालन, सड़कों के निर्माण आदि कार्यो को सुनिश्चित कराते हैं। उन्होंने इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के लोगों से विकास का रास्ता अपनाने की अपील की।