Rahul: The opportunistic alliance in the greed of power has ruined Jammu and Kashmir!
जम्मू और कश्मीर के सियासी संकट पर कांग्रेस ने पीडीपी और बीजेपी, दोनों ही दलों पर तंज कसा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि राज्य में एक अवसरवादी गठबंधन की सरकार थी और इस अवसरवादी गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर को बर्बाद करके रख दिया. पूरे राज्य में आग लगा दी है. उन्होंने कहा कि सत्ता की लालची पार्टियों के कारण घाटी में हमारे बहादुर सैनिकों समेत कई निर्दोष लोगों की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती सरकार ने राज्य में शांति स्थापित करने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया.
राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार ने कड़ी मेहनत करके राज्य में शांति स्थापित की थी और लोगों का विश्वास हासिल किया था, लेकिन कुर्सी के चक्कर में मोदी सरकार ने यूपीए की सारी मेहनत पर पानी फेर कर रख दिया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के बाद भी जान-माल का नुकसान जारी रहेगा.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अक्षमता, अहंकार और घृणा की नीति ज्यादा दिन नहीं चलती और यह एक दिन विफल हो जाती है. यही हाल अब पीडीपी और बीजेपी का हुआ है. उन्होंने कहा, ‘इसका रणनीतिक नुकसान हुआ और संप्रग की सालों की कठिन मेहनत को इसने बर्बाद कर दिया. राष्ट्रपति शासन के दौरान भी यह नुकसान जारी रहेगा.’
राहुल गांधी से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पीडीपी के साथ हाथ मिलाने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि बीजेपी एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसे पीडीपी के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था. क्षेत्रीय पार्टियों को आपस में गठबंधन के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए था. आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ भी हुआ वो अच्छा हुआ. इससे राज्य की जनता को इससे कुछ राहत मिली है.
गुलाम नबी आजाद ने बीजेपी पर वार करते हुए कहा कि बीजेपी ने कश्मीर तबाह किया लेकिन अब उसे हटना पड़ा. उन्होंने कहा कि दोनों ही दलों में सत्ता के लालच में सैकड़ों निर्दोष नागरिकों और सैनिकों को बलि चढ़वा दिया. उन्होंने कहा कि जब भी जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की सरकार रही तब वहां विकास बढ़ा. उन्होंने ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने गुनाह किया है लेकिन इल्जाम पीडीपी पर लगा रही है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी की तीन साल से चली आ रही सरकार मंगलवार (19 मई) को गठबंधन से बीजेपी के समर्थन वापस लेने से गिर गई. बीजेपी महासचिव राममाधव ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह से परामर्श के बाद गठबंधन से बाहर होने का फैसला किया गया. राम माधव ने दिल्ली में बुलाए गए प्रदेश बीजेपी नेताओं और मंत्रियों के साथ एक बैठक के बाद आनन-फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘राज्य में गठबंधन सरकार में बने रहना बीजेपी के लिए मुश्किल हो गया था.’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, इस बात को ध्यान में रखते हुए और राज्य में मौजूदा स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हमने फैसला किया कि राज्य में शासन की बागडोर राज्यपाल को सौंपी जाए.