बजट 2018 को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इस बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक लाख रुपये से ज्यादा के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाने का प्रस्ताव किया है। इस घोषणा के तुरंत बाद शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गयी। इसके अलावा मोदी सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा में सेस 1 फीसदी बढ़ाकर 3% से 4% कर दिया है। इस बढ़ोतरी पर पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राजदीप सरदेसाई ने कहा है कि निचले तबके के लोगों को देने के लिए सरकार अमीर तबके के लोगों को हमेशा टारगेट करती है। राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया, ‘ हमें सेस से छुटकारा कब मिलेगा? लॉन्ग टर्म कैपिटल गेम फिर से आ गया है, गरीबों को देने के लिए अमीरों को लूट लो, गरीब लोग वोट देते हैं, बाकी लोगों को उनके टैक्स का भुगतान करना चाहिए, जबकि सुपर रिच को तो कोई फर्क ही नहीं पड़ता है, मोदीनोमिक्स वर्सेज वोटर नॉमिक्स।’ हालांकि राजदीप सरदेसाई ने बजट में घोषित स्वास्थ्य योजनाओं की तारीफ की है।
राजदीप के इस ट्वीट पर लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी है। एक यूजर ने लिखा, ‘तो आप क्या चाहते हैं अमीर टैक्स का भुगतान नहीं करे, सिर्फ गरीब ही दे।’ एक यूजर ने लिखा आप बजट की तारीफ कर रहे हैं या आलोचना, आपका अर्थशास्त्र का ज्ञान संदेह के घेरे में है।’ एक यूजर ने लिखा, ‘जिस सुपर रिच के बारे में आप बात कर रहे हैं वो कॉरपोरेट या बिजनेस करने वाले हैं जिनका टर्नओवर 250 से ज्यादा है। कॉरपोरेट्स के लिए टैक्स 30 प्रतिशत है जबकि बिजनेस वालों के लिए 25 प्रतिशत है, मोदीनोमिक्स आपके दिमाग से ज्यादा तेज है। एक यूजर ने लिखा, रिच हों या सुपर रिच सभी पर टैक्स लगाया गया है, अगर आप वित्त मंत्री होते तो फंड का जुगाह कैसे करते।’