Rape convict remitting Magazine of UPSC, preparing for becoming IAS.
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कहते हैं कि अगर चाहत कुछ करने की हो तो परिस्थिति कैसी भी हो उससे बाहर निकला जा सकता है। कुछ ऐसी ही कोशिश कर रहा है जेल में बंद एक कैदी। इस कैदी को 7 साल की सजा हुई है, पर अपनी मेहनत से यह खुद की और कई दूसरे लोगों का भविष्य बदलने की कोशिश कर रहा है।
आपको बता दें कि विक्रम सिंह खिमता शिमला के मॉडल सेंट्रल जेल, कांडा में बंद हैं। उन्हें रेप केस में सजा हुई है। सितंबर 2016 में ट्रायल कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के अंतर्गत शिमला जिले के मंडोल गांव में रहने वाले विक्रम खिमता को दोषी ठहराया था। विक्रम सिंह खिमता को 7 साल की सजा हुई थी। हां वो बात और है कि विक्रम सिंह खिमता खुद को निर्दोष मानते हैं और उन्होंने इस फैसले को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में चुनौती भी दी है।
द स्टेट्समैन की रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है कि विक्रम सिंह खिमता भले ही जेल में बंद हैं, लेकिन वे अपना भविष्य कालकोठरी में बर्बाद नहीं कर रहे हैं। उन्होंने जेल में अपनी मेहनत से भविष्य संवारने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। हिमाचल प्रदेश में जेलों में बंद कैदियों में सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे है। वहीं ऐसे में शिमला की जेल में बंद रेप के दोषी कैदी विक्रम सिंह खिमता यूपीएससी और सिविल सेवा की प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी से जुड़ी एक मैग्जीन तैयार की है।
बता दे कि 27 साल के विक्रम सिंह खिमता की करेंट अफेयर्स की मैग्जीन ‘कंपटीशन कंपेनियन’ के अगले कुछ दिनों में लॉन्च होने की उम्मीद की जा रही है। विक्रम सिंह खिमता ने अंग्रेजी और भूगोल में डबल एमए किया है। आपको बता दें कि विक्रम सिंह खिमता न सिर्फ दूसरे लोगों के लिए यह मैग्जीन निकाल रहे हैं बल्कि वह स्वयं भी UPSC की परीक्षा देना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स द्वारा पता चला है कि विक्रम सिंह खिमता का कहना है कि अगर हाई कोर्ट उन्हें रिहा करता है तो वह परीक्षा में बैठेंगे। दोषमुक्त होने के अपने प्रयास में सफल नहीं होने पर वह मैग्जीन निकालते रहेंगे।
गौरतलब है कि जेल में बंद कैदियों की ऐसी सकारात्मक कहानियां आती रहती हैं। जेलों में बंद कई कैदियों ने अपनी लगन और चाह से कारागार में रहते हुए ही कई परीक्षाएं पास की हैं। वहीं वाराणसी सेंट्रल जेल में हत्या के आरोप में बंद 23 साल के युवक ने 2015 में इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा इन टूरिज्म स्टडीज में ऑल इंडिया टॉप किया था।