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Republic Day के दिन महात्मा गांधी की पसंद का गाया जाता है ‘ईसाई भजन’

Republic Day 2018: किसी सरकारी भवन या घर की छत पर लहराता तिरंगा देखते ही कुछ पलों के लिए आंखें ठहर जाती है, जहन में उठते सारे विचार थम जाते हैं और देश के गौरवशाली इतिहास की अनुभूति से उमड़ती देशभक्ति की एक मूक भावना कुछ पल के लिए बदन में सिहरन पैदा कर देती है। शायद इसके पीछे वर्षों का लंबा वह संघर्ष है जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने सब कुछ न्योछावर कर दिया, अपने प्राणों तक की परवाह नहीं की। 15 अगस्त 1947 को देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली, इस दिन ब्रिटेन की महारानी और दमनकारी ब्रिटिश उपनिवेशवाद के शासन से मुक्ति जरूर मिली, लेकिन 200 वर्षों की गुलामी से मिली यह मुक्ति पर्याप्त नहीं थी। भारतीयों को प्रतिष्ठित जीवन जीने के लिए उन अधिकारों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियां की जरूरत थी, जिन्हें 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन की मेहनत लगाकर तैयार किए गए दुनिया के सबसे बड़े लिखित संविधान ने सुनिश्चित किया। भारत के 69वें गणतंत्र दिवस पर एक नजर डालते हैं इतिहास के पन्नों पर, जिनमें कई ऐसी बातें दर्ज हैं, जो शायद कम ही लोगों को पता हैं। गणतंत्र दिवस से जुड़े दिलचस्प तथ्य:

1. भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को 10.18 बजे पर लागू किया गया था। डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के ड्रॉफ्टिंग कमेटी (प्रारूप समिति) के अध्यक्ष थे। विश्व कई संविधानों से भारत के संविधान में अच्छी चीजें आत्मसात की गई थीं। 2. डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 1948 में संविधान का पहला ड्राफ्ट पूरा किया था, जिसे 26 नवंबर, 1949 को मामूली बदलवों के साथ संविधान सभा ने अपनाया था। संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी, 1950 को इस पर हस्ताक्षर किए थे। उस दिन जोरदार बारिश हो रही थी, जिसे इसे शुभ संकेत माना गया था। 3. संविधान में पांच साल की योजनाओं की अवधारणा सोवियत संघ ली गई, जबकि स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे की अवधारणाओं को फ्रेंच संविधान से लिया गया था।

4. संविधान की हाथ से लिखी दो प्रतियां हिंदी में और अंग्रेजी में संसद की लाइब्रेरी में संभाल कर रखी हुई हैं। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 भारत के पहले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी। गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 को राजधानी दिल्ली के राजपथ पर हुई थी। गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण करते ही राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। नौसेना और थलसेना देश की आजादी के शहीदों हुए लोगों के सम्मान में बंदूकों और तोपों से सलामी देती हैं। इस दिन वीर चक्र, महावीर चक्र, परमवीर चक्र, कीर्ति चक्र और अशोक चक्र जैसे पुरस्कार दिए जाते हैं। हर साल गणतंत्र दिवस समारोह के आखिरी में एक ईसाई भजन ‘मेरे साथ रहें’ गाया जाता है। यह महात्मा गांधी के पसंदीदा भजनों में से एक था।

5. इस दिन ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ की भी जयंती होती है। 1930 में इस दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज यानी ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता की घोषणा की थी। गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री अमर ज्योति पर आजादी के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धाजंलि देते हैं। गणतंत्र दिवस का जश्न तीन दिनों तक चलता है। इस दौरान कई कार्यक्रम और ड्रिल का आयोजन होता है। ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह के साथ गणतंत्र दिवस का आयोजन खत्म होता है। ‘बीटिंग रिट्रीट समारोह’ का आयोजन 29 जनवरी को विजय चौक पर किया जाता है, जिसमें थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बैंड हिस्सा लेते हैं। तीन दिन तक चलने वाले इस जश्न के दौरान प्रमुख सरकारी इमारतें रोशनी से नहा उठती हैं।

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