आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने दुमका कोषागार गबन मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया। सीबीआई के विशेष न्यायधीश शिवपाल सिंह की पीठ ने सोमवार (19 जनवरी, 2018) को यह फैसला सुनाया। इससे पहले लालू यादव जैसे ही कोर्ट रूम में पहुंचे जज शिवपाल सिंह ने पूछा कि अगर उन्हें कोई परेशानी है तो इलाज के लिए दिल्ली भेजा जा सकता है। हालांकि आरजेडी प्रमुख ने इसका जवाब ना देकर पूछा आरके राणा जी छूट गए? इसके जवाब में जज ने कहा कि उनके खिलाफ कोई अपराध साबित नहीं हो पाया। लालू यादव ने फिर पूछा कि उन्हें कितने साल की सजा हुई है। जज ने कहा कि 21, 22 और 23 मार्च को इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार लालू यादव के साथ आरोपी बनाए गए जगदीश शर्मा और आरके राणा के दोषमुक्त साबित होने पर दोनों जमकर जज की तारीफ करने लगे।
फैसले के बाद राणा ने जज को प्रेमचंद का परमेश्वर कहा। उन्होंने कहा कि जेल में कैदियों की आम धारणा है कि जल साहब डांटते हैं, गुस्सा करते हैं, लेकिन फैसला बहुत अच्छा सुनाते हैं। इसलिए उनके न्याय पर सभी को भरोसा रहता है। वहीं दोषमुक्त साबित हुए अन्य आरोपी रहे जगदीश शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने जो भी गलतियां की हैं उनका लगातार प्रायश्चित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जज का फैसला सही है।’ दरअसल जिरह के दौरान उन्होंने जज से विनती करते हुए कहा कि इस सुनवाई में फैसला सुनाया जाए, नहीं जेल में रहते-रहते मर जाएंगे। 71 साल की उम्र हो गई है।
गौरतलब है कि अन्य आरोपी वेणु झा और जगन्नाथ मिश्रा के वकीलों ने भी फैसले की तारीफ की है। बता दें कि कोर्ट रूम से सभी आरोपियों के जाने पर सीबीआई जज ने कहा कि आरके राणा के निकल जाने से लालू यादव को जेल में कष्ट होगा। क्योंकि शुरू से लेकर आजतक दोनों साथ रहे हैं।