Monday, December 23, 2024
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RSS कार्यकर्ता ने खुद को लगाई आग, जानिए पूरा मामला…

SI News Today

भाजपा शासित राजस्‍थान में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता ने जयपुर में आत्‍मदाह कर जान देने की कोशिश की है। पीड़ित के दोस्‍त ने बताया कि वह 2 अप्रैल के भारत बंद से बहुत दिनों से बेहद तनाव में था। इससे परेशान होकर वह आत्‍मदाह करने पर मजबूर हो गया। अनुसूचित जाति/जनजाति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के प्रति विरोध जताने के लिए दलित संगठनों ने बंद का आह्वान किया था। इस दौरान कई राज्‍यों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। हिंसा में कुल 11 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा सरकारी और निजी संपत्ति को व्‍यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाया गया था। मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, बिहार और राजस्‍थान सबसे ज्‍यादा प्रभावित हुआ था। मेरठ में कई बसों को आग के हवाले कर दिया गया था। इसके अलावा जगह-जगह ट्रेन का परिचालन ठप कर दिया गया था। इससे हजारों की तादाद में यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। भाजपा ने हिंसा के लिए विपक्षी दलों को जिम्‍मेदार ठहराया था। वहीं, कांग्रेस, बसपा और सपा जैसे दलों ने भाजपा सरकार पर एससी-एसटी कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया था।

क्‍या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्‍याचार रोकथाम) कानून, 1989 में एससी और एसटी समुदाय पर होने वाले अपराध से निपटने के लिए कठोर प्रावधान किए गए हैं। ऐसे मामलों में अग्रिम जमानत का भी प्रावधान नहीं है। साथ ही शिकायत दर्ज होते ही आरोपी को गिरफ्तार करने की व्‍यवस्‍था है। सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च के अपने फैसले में इसमें अहम बदलाव कर दिया। शीर्ष अदालत ने सीधी गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया और अग्रिम जमानत का प्रावधान भी जोड़ दिया। दो जजों की पीठ ने अपने फैसले में एसएसपी रैंक के अधिकारी द्वारा जांच करने के बाद ही गिरफ्तारी की व्‍यवस्‍था दी थी। बदले प्रावधानों के तहत ऐसे मामलों में अब पुलिस अधिकारियों को सात दिन के अंदर जांच पूरा करना होगा। भारत बंद के बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर मामले पर गौर फरमाने का अनुरोध किया था। शीर्ष अदालत ने तल्‍ख टिप्‍पणी करते हुए तत्‍काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलि‍त संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था। इस दौरान राज्‍य के कई हिस्‍सों में व्‍यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी।

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