Rubbish and bitter truth of Prime Minister Ujjwala Scheme.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब और BPL महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में उज्ज्वला योजना का शुभारंभ किया था ताकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को खाना बनाने के दौरान धूंए से परेशानी न हों। योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर कर रही करीब 5 करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्शन देना है।
मई 2016 के बाद से आज तक आपने जितने भी चुनाव देखे हों होंगे चाहे वो निकाय चुनाव हो या उपचुनाव सबमें मोदी से लेकर उनके नेताओं के मुँह से एक बात जरूर सुनी होगी कि उज्ज्वला योजना ने करोडो गरीब माताओं-बहनो का जीवन सरल और स्वास्थ्य की दृष्टि से सुगम कर दिया है, मगर आपको ये जानकर काफी आश्चर्य होगा कि वे जिस योजना को इतना बढ़ा चढ़ा कर बताते है उसकी हक़ीक़त एकदम उल्टी है. बड़े बड़े मंचों से चुनाव जीतने के उद्देश्य से किये गए भाषण और जमीनी हक़ीक़त में काफी अंतर है.
दो बात तो एकदम स्पष्ट है, पहली बात तो यह कि न तो इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को दिया गया गैस कनेक्शन (सिलेंडर और चूल्हा) मुफ्त है और न ही सिलेंडर पर (मार्च 2018 तक) सब्सिडी मिली है। सरकार सिर्फ 150 रुपये का रेग्यूलेटर फ्री देती है। सरकार लाभार्थी को इस भ्रम में रखती है कि उसे गैस कनेक्शन के साथ चूल्हा और सब्सिडी मिल रही है जबकि किसी भी लाभार्थी को गैस कनेक्शन लेते ही कुल 1750 रुपये चुकाने पड़ते हैं। इनमें से 990 रुपये गैस चूल्हे के लिए जाते हैं जबकि 760 रुपये का पहला सिलेंडर आता है। सरकार की तरफ से गलत दावा किया जाता है कि प्रति गैस कनेक्शन यानी प्रति उपभोक्ता 1600 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। सरकार इस योजना के तहत लिए गए कनेक्शन में पहले 6 सिलेंडर की रिफिलिंग पर मिलने वाली सब्सिडी खुद रख लेती थी, ताकि 1600 रुपये की दी गई आर्थिक सहायता (एक तरह का कर्ज) चुकता कर लिया जाय। सरकार सिर्फ 150 रुपये का रेग्यूलेटर फ्री देती है। इसके एवज में पीतल बर्नर वाले चूल्हे की जगह लोहे का बर्नर लगा चूल्हा दिया जाता है। गैस पाइप भी छोटा दिया जाता है। बता दें कि उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं को पहले छह सिलेंडर बाजार दर पर खरीदने होते हैं जो 750 से 900 रुपये के बीच पड़ता है। अमूमन एक सिलिंडर पर सब्सिडी 240 से 290 रुपये मिलती है। इस लिहाज से सरकार पहले छह सिलेंडर की रिफिलिंग के दौरान करीब 1740 रुपये प्रति ग्राहक वसूल लेती थी।
ये भी इतनी आसानी से नहीं मिलने वाला इसके लिए भी बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला http://www.pmujjwalayojana.com नाम की सरकारी वेबसाइट के मुताबिक इस योजना के तहत सिर्फ महिलाएं ही आवेदक हो सकती हैं जिनका नाम बीपीएल सूची में है। इसके अलावा आवेदक का नाम सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना-2011 की लिस्ट में भी नाम होना चाहिए। इस योजना का लाभ तभी मिलेगा जब ये सारी अहर्ताएं हो उसके बाद अगर भ्रष्टाचार से बच गए तो आपको इस योजना का सम्पूर्ण लाभ जरूर मिल जायेगा। भ्रष्टाचार के अलावा सरकार पर लाभार्थियों का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का भी आरोप लगता रहा है।