Friday, November 22, 2024
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सलमान खुर्शीद: कांग्रेस को देश में अल्पसंख्यकों और बहुसंख्यकों के बीच संतुलन बैठाने की जरूरत!

SI News Today
Salman Khurshid: Congress needs to balance the minorities and the majority in the country!

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद का कहना है कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए वास्तविकताओं के आधार पर जल्द से जल्द संयुक्त विपक्षी मोर्चे के नेतृत्व पर फैसला लेने की जरूरत है. वह सभी विपक्षी दलों के बीच चुनाव पूर्व व्यवस्था के पुरजोर समर्थक हैं. उन्हें लगता है कि चुनाव बाद यह आंकड़ों का खेल और सांसदों की खरीद-फरोख्त में परिवर्तित हो जाता है. खुर्शीद ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “मुझे लगता है कि चुनाव पूर्व व्यवस्था होनी चाहिए.”

उन्होंने कहा कि बीजेपी के झांसे में फंसे बिना विपक्षी मोर्चे के नेतृत्व पर विचार उचित समय पर लिया जाएगा. उन्होंने कहा, “हम सभी के लिए हमारे नेता महत्वपूर्ण हैं, लेकिन तथ्य यह है कि कांग्रेस अग्रणी पार्टी है और अग्रणी पार्टी अकेली पार्टी नहीं होती. आपके पास सबसे बड़ी पार्टी होने की संभावना है, लेकिन इस तरह की परिस्थितियों में क्या करना चाहिए, यह नेताओं को तय करना है. हमें जल्द से जल्द इस पर फैसला लेना पड़ेगा.”

खुर्शीद ने कहा कि देश की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए गठबंधन जरूरी बन पड़ा है, आप पांच साल का इंतजार नहीं कर सकते. उम्मीद है कि तब तक गठबंधन की जरूरत ही न पड़े. उन्होंने कहा, “हो सकता है कि पांच साल इंतजार करने से उस तरह की स्थितियां बनें कि आपके पास मौका ही न बचे. यदि आज गठबंधन को लेकर सहमति है तो हमें गठबंधन करना चाहिए. मुझे लगता है कि यही समझदारी भरा फैसला होगा.”

यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस जरूरत पड़ने पर किसी छोटे दल के नेता के नेतृत्व के लिए तैयार है? इस पर खुर्शीद ने कहा, “इस तरह देखने का यह गलत तरीका है. हमें समझना चाहिए. जब मैं ‘हम’ कहता हूं तो यह सभी दलों के लिए है और सभी दलों का उद्देश्य एक होना चाहिए, उन्हें जमीनी हकीकत से सचेत होना चाहिए और उन अनुभवों को लेकर भी सचेत रहना चाहिए जो हमारे पास हैं.”

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने 2जी जैसा कोई घोटाला नहीं होने का बयान दिया था, जिसके छह महीने के बाद खुर्शीद की नई किताब ‘स्पेक्ट्रम पॉलिटिक्स : अनवेलिंग द डिफेंस’ प्रकाशित हुई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को अस्तित्व में बने रहने के लिए थोड़ा सा बीजेपी की तरह और बीजेपी को थोड़ा सा कांग्रेस की तरह रहने की जरूरत है. यह पूछने पर कि इसका क्या मतलब है? खुर्शीद ने कहा कि “कांग्रेस ने 2014 के चुनाव से पहले बीजेपी द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के आरोपों का उतना प्रतिकार नहीं किया, जितना करना चाहिए था. नतीजतन, हमारी सत्ता चली गई.”

वह कहते हैं, “कांग्रेस को पहले ही अहसास हो गया था कि हम निशाना बनाए गए थे और एक रणनीति के तहत हम पर भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के आरोप लगाए गए.” यह पूछने पर कि कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे बड़ा ‘क्राउड पुलर’ यानी भीड़ खींचने वाला शख्स बताने के बीजेपी के दावों से कैसे निपट रही है? खुर्शीद कहते हैं कि उनकी पार्टी के पास कहने को बेहतर कहानियां हैं.

उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ अकंगणित को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए. हमें लोकतंत्र को लेकर भी चिंतित रहना चाहिए. हमें पता होना चाहिए कि कैसे बात की जाती है और सपने कैसे बेचे जाते हैं. हमें अपने नेताओं को भी इसमें दक्ष करना चाहिए. इसी तरह हम जीतेंगे. हमारे पास कम समय है, इसलिए हमें कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. रातभर काम करना पड़ेगा.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस को देश में अल्पसंख्यकों और बहुसंख्यकों के बीच संतुलन बैठाने की जरूरत है.

खुर्शीद ने कहा, “बीजेपी ने हमारी रणनीति में खामी ढूंढ निकाली है और हमें इसे ठीक करने की जरूरत है. हमें यह समझने की जरूरत है कि इस देश में बहुमत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि बहुमत ही लोकतंत्र की ताकत है.” यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मंदिरों के दौरे क्या पार्टी की सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “वह इस संदेश के साथ मंदिर जा रहे हैं कि हम बहुसंख्यकों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बीच संतुलन बैठाएंगे.”

उन्होंने कहा, “यह बहुसंख्यकों की ओर झुकाव नहीं है, बल्कि कांग्रेस की रणनीतिक समानता का संदेश है, जिसमें हमने हमेशा विश्वास किया है.” खुर्शीद ने कहा, “लेकिन समय-समय पर आपको इससे अधिक दिखाने की जरूरत होती है.” उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को अनावश्यक रूप से गलत संकेत भेजने की जरूरत ही नहीं है.

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