प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (25 मार्च) को आकाशवाणी पर अपने दैनिक संबोधन ‘मन की बात’ की शुरुआत में देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार! आज रामनवमी का पावन पर्व है. रामनवमी के इस पवित्र पर्व पर देशवासियों को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी के जीवन को भी राम के नाम से जोड़ा. पीएम मोदी ने कहा, ‘पूज्य बापू के जीवन में ‘राम नाम’ की शक्ति कितनी थी वो हमने उनके जीवन में हर पल देखा है.’ आगे उन्होंने कहा, ‘आज पूरे विश्व में भारत की ओर देखने का नज़रिया बदला है. आज जब, भारत का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है तो इसके पीछे माँ-भारती के इन बेटे-बेटियों का पुरुषार्थ छुपा हुआ है.’ यह ‘मन की बात’ का 42वां संस्करण है. ‘मन की बात’ के जरिए पीएम मोदी देश की जनता से सीधे संवाद करते हैं.
किसानों पर की ‘मन की बात’
1. DD Kisan Channel पर जो किसानों के साथ चर्चाएं होती हैं, उनके video देखे और मुझे लगता है कि हर किसान को DD Kisan Channel देखना चाहिए और उन प्रयोगों को अपने खेत में लागू करना चाहिए.
2. महात्मा गाँधी, शास्त्री जी, लोहिया जी, चौधरी चरण सिंह जी, चौधरी देवीलाल जी, सभी ने कृषि और किसान को देश की अर्थव्यवस्था और आम जन-जीवन का एक अहम अंग माना है. मिट्टी, खेत-खलिहान और किसान से महात्मा गाँधी को कितना लगाव था, ये भाव उनकी इस पंक्ति में झलकता है- ‘To forget how to dig the earth and to tend the soil, is to forget ourselves.’ यानी, धरती को खोदना और मिट्टी का ख्याल रखना अगर हम भूल जाते हैं, तो ये स्वयं को भूलने जैसा है.
3. लाल बहादुर शास्त्री जी पेड़, पौधे और वनस्पति के संरक्षण और बेहतर कृषि-ढांचे की आवश्यकता पर अक्सर ज़ोर दिया करते थे. डॉ० राम मनोहर लोहिया ने तो हमारे किसानों के लिए बेहतर आय, बेहतर सिंचाई-सुविधाएँ और उन सब को सुनिश्चित करने के लिए और खाद्य एवं दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर जन-जागृति की बात कही थी.
4. पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित कृषि-उन्नति-मेले में गया था. वहाँ कृषि से जुड़े अनेक अनुभवों को जानना, समझना, कृषि से जुड़े innovations के बारे में जानना- ये सब मेरे लिए एक सुखद अनुभव था. मेघालय और वहाँ के किसानों की मेहनत ने मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित किया, कम क्षेत्रफल वाले इस राज्य ने बड़ा काम करके दिखाया है.
5. इस साल के बजट में किसानों को फसलों की उचित क़ीमत दिलाने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है: #PMonAIR बजट में यह तय किया गया है कि अधिसूचित फसलों के लिए MSP, उऩकी लागत का कम-से-कम डेढ़ गुणा घोषित किया जाएगा.इसके अलावा, किसानों को फसल की उचित कीमत मिले इसके लिए देश में Agriculture Marketing Reform पर भी बहुत व्यापक स्तर पर काम हो रहा है: #PMonAIR
स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत पर ‘मन की बात’
1. स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज देश conventional approach से आगे बढ़ चुका है.
2. देश में स्वास्थ्य से जुड़ा हर काम जहाँ पहले सिर्फ Health Ministry की ज़िम्मेदारी होती थी, वहीं अब सारे विभाग और मंत्रालय, राज्य सरकारें साथ मिलकर स्वस्थ-भारत के लिए काम कर रहे हैं और preventive health के साथ-साथ affordable health के ऊपर ज़ोर दिया जा रहा है.
3. पिछले लगभग 4 सालों में sanitation coverage दोगुना होकर करीब (80%) हो चुका है. इसके अलावा, देश-भर में Health Wellness Centres बनाने की दिशा में व्यापक स्तर पर काम हो रहा है.
4. Preventive health-care के रूप में योग ने, नये सिरे से दुनिया-भर में अपनी पहचान बनाई है. योग, fitness और wellness दोनों की गारंटी देता है.
5. इस बार के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून – इसके बीच 100 दिन से भी कम दिन बचे हैं. पिछले तीन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवसों पर देश और दुनिया के हर जगह, लोगों ने काफी उत्साह से इसमें भाग लिया.
6. देश-भर में 3 हज़ार से अधिक जन-औषधि केंद्र खोले गए हैं जहाँ 800 से ज्यादा दवाइयाँ कम क़ीमत पर उपलब्ध करायी जा रही हैं. और भी नए केंद्र खोले जा रहे हैं.
7. हृदय-रोगियों के लिए heart stent की कीमत 85% तक कम कर दी गई है. Knee Implants की क़ीमतों को भी नियंत्रित कर 50 से 70% तक कम कर दिया गया है.
8. ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत क़रीब 50 करोड़ नागरिकों को इलाज के लिए 1 साल में 5 लाख रूपए का ख़र्च, भारत सरकार और Insurance company मिलकर के देंगी.
9. मौजूदा 479 medical कॉलेजों में MBBS की सीटों की संख्या बढ़ाकर लगभग 68 हज़ार कर दी गई हैं. विभिन्न राज्यों में नए AIIMS खोले जा रहे हैं. हर 3 ज़िलों के बीच एक नया medical college खोला जाएगा.
10. देश को 2025 तक टी.बी. मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. टी.बी. से मुक्ति पाने के लिए हम सबको सामूहिक प्रयास करना होगा.
भारत के औद्योगिकीकरण पर ‘मन की बात’
1. 14 अप्रैल डॉ० बाबा साहब आम्बेडकर की जन्म-जयंती है. वर्षों पहले डॉ० बाबा साहब आम्बेडकर ने भारत के औद्योगिकीकरण की बात कही थी. आज देश में #MakeInIndia का अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है तो डॉ० आम्बेडकर जी ने industrial super power के रूप में भारत का जो एक सपना देखा था- उनका ही vision आज हमारे लिए प्रेरणा है.
2. आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक bright spot के रूप में उभरा है और पूरे विश्व में सबसे ज़्यादा FDI भारत में आ रहा है. पूरा विश्व भारत को निवेश innovation और विकास के लिए HUB के रूप में देख रहा है. उद्योगों का विकास शहरों में ही संभव होगा यही सोच थी जिसके कारण डॉ० बाबा साहब आम्बेडकर ने भारत के शहरीकरण, urbanization पर भरोसा किया.
3. बाबा साहब आम्बेडकर के vision को आगे बढ़ाते हुए smart city mission, Rurban mission की शुरुआत की गई ताकि बड़े नगरों, छोटे शहरों में हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके. बाबा साहब का self-reliance, आत्मनिर्भरता में दृढ़ विश्वास था. वे नहीं चाहते थे कि कोई व्यक्ति हमेशा ग़रीबी में अपना जीवन जीता रहे. आज मुद्रा योजना, Start Up India, Stand Up India initiative हमारे युवा innovators, युवा entrepreneurs को जन्म दे रही है.
4. डॉ० बाबा साहब ही थे जिन्होंने जल-शक्ति को राष्ट्र-शक्ति के रूप में देखा. विभिन्न river valley authorities, जल से संबंधित अलग-अलग commissions- ये सब बाबा साहब आम्बेडकर का ही तो vision था. आज देश में जलमार्ग और बंदरगाहों के लिए ऐतिहासिक प्रयास हो रहे हैं. बाबा साहब ने federalism, संघीय-व्यवस्था के महत्व पर बात की और देश के उत्थान के लिए केंद्र और राज्यों के साथ मिलकर काम करने पर बल दिया.
5. आज हमने शासन के हर पहलू में सहकारी संघवाद और उससे आगे बढ़ करके competitive cooperative federalism के मन्त्र को अपनाया है, डॉ० बाबा साहब आम्बेडकर पिछड़े वर्ग से जुड़े मुझ जैसे करोड़ों लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं. डॉ० आम्बेडकर की जन्म जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल से 5 मई तक ‘ग्राम-स्वराज अभियान’ आयोजित किया जा रहा है. इसके तहत पूरे भारत में ग्राम-विकास, ग़रीब-कल्याण और सामाजिक-न्याय पर अलग-अलग कार्यक्रम होंगे. आप सभी इस अभियान में हिस्सा लें.
अलग-अलग राज्यों के लोगों का दिया उदाहरण
1. कोमल ठक्कर जी ने MyGov पर संस्कृत के on-line courses शुरू करने के बारे में जो लिखा वो मैंने पढ़ा. संस्कृत के प्रति आपका प्रेम देखकर बहुत अच्छा लगा. मैंने सम्बंधित विभाग से इस ओर हो रहे प्रयासों की जानकारी आप तक पहुँचाने के लिए कहा है. ‘मन की बात’ के श्रोता जो संस्कृत को लेकर कार्यरत रहते हैं, वो भी विचार करें कि कोमल जी के सुझाव को कैसे आगे बढ़ाया जाए.
2. बिहार के घनश्याम कुमार जी- आपके #NarendraModiApp पर लिखे comments मैंने पढ़े. आपने जमीन में घटते जल-स्तर पर जो चिंता जताई है, वह निश्चित रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है.
3. शकल शास्त्री जी, कर्नाटक – आपने शब्दों के बहुत ही सुन्दर तालमेल के साथ लिखा कि ‘आयुष्मान भारत’ तभी होगा जब ‘आयुष्मान भूमि’ होगी और ‘आयुष्मान भूमि’ तभी होगी जब हम इस भूमि पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी की चिंता करेंगे. आपने गर्मियों में पशु-पक्षियों के लिए पानी रखने के लिए भी सभी से आग्रह किया है. शकल जी, आपकी भावनाओं को मैंने सभी श्रोताओं तक पहुँचा दिया है.
4. असम के करीमगंज के एक रिक्शा-चालक अहमद अली ने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर ग़रीब बच्चों के लिए नौ स्कूल बनवाये हैं, इससे देश की अदम्य इच्छाशक्ति के दर्शन होते हैं.
5. कानपुर के डॉक्टर अजीत मोहन चौधरी की कहानी सुनने को मिली कि वो फुटपाथ पर जाकर ग़रीबों को देखते हैं और उन्हें मुफ़्त दवा भी देते हैं, इससे देश के बन्धु-भाव को महसूस करने का अवसर मिला.
6. 13 साल पहले, समय पर इलाज़ न मिलने के कारण Kolkata के Cab-चालक सैदुल लस्कर की बहन की मृत्यु हो गयी, तब उन्होंने अस्पताल बनाने की ठान ली ताकि इलाज़ के अभाव में किसी ग़रीब की मौत न हो. सैदुल ने अपने इस mission में घर के गहने बेचे, दान के ज़रिये रूपये इकट्ठे किये. उनकी Cab में सफ़र करने वाले कई यात्रियों ने दिल खोलकर दान दिया. इस तरह से रुपये जुटाकर 12 वर्षों के बाद, आख़िरकार सैदुल लस्कर ने कोलकाता के पास पुनरी गाँव में लगभग 30 bed की क्षमता वाला अस्पताल तैयार करवाया, यह है New India की ताक़त.
7. उत्तरप्रदेश की एक महिला अनेकों संघर्ष के बावजूद 125 शौचालयों का निर्माण करती है और महिलाओं को उनके हक़ के लिए प्रेरित करती है- तब मातृ-शक्ति के दर्शन होते हैं.
आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान महावीर जयंती, हनुमान जयंती, ईस्टर, वैसाखी की शुभकामनाएं देते हुए ‘मन की बात’ का समापन किया. उन्होंने कहा, ‘अगले कुछ दिनों में कई त्योहार आने वाले हैं. भगवान महावीर जयंती, हनुमान जयंती, ईस्टर, वैसाखी. आप सब को आने वाले सभी त्योहारों की ढ़ेरों शुभकामनाएं.’