Suicide note of Dheoyaji Maharaj in the circle of doubt!
आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज की मौत के बाद उठते सवाल कम होने की बजाए बढ़ते ही जा रहे हैं. खासकर उनके सुसाइड नोट ने कई संदेहों को जन्म दे दिया है. उन्होंने अपने सुसाइड नोट में अपनी संपत्ति अपने सेवादार विनायक को देने की बात कही है. उनके इस सुसाइड नोट पर ही अब उनके परिजन सवाल उठा रहे हैं. इसके अलावा श्री सद्गुरु दत्ता धार्मिक एवं परमार्थिक ट्रस्ट के सदस्य भी चिंतित हैं. उनके अनुसार, अब ट्रस्ट के मामलों का निर्णय कौन करेगा.
पुलिस अब इन संदेहों को सुलझाने के लिए हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की मदद लेने जा रही है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि नोट भय्यूजी ने ही लिखा है, इस पर अभी थोड़ा शक है. वहीं भय्यूजी महाराज के रिश्तेदारों का साफ कहना है कि वह सभी मामलों में विनायक के दखल से खुश नहीं थे.
रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में एनसीपी के पूर्व एमएलए और भय्यूजी के रिश्तेदार दीपक सालुंखे का कहना है, ‘विनायक की ओर से किसी आपत्ति का सवाल नहीं है, क्योंकि यह तय है कि उनकी संपत्ति पर परिवार का हक है और इस संबंध में जो कुछ भी होगा वह परिवार की तरफ से ही होगा.’
अगर विनायक अपने अधिकारों का इस्तेमाल करता है तो ऐसे में परिवार का रुख क्या होगा. इस सवाल पर सालुंखे ने कहा, वह ट्रस्ट में आ जा सकते हैं, लेकिन अगर उन्होंने कुछ भी किया, तो उन्हें ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा. उन्होंने कहा, मैंने इस बारे में विनायक से बात की है. हालांकि खुद विनायक ने सुसाइड नोट के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया.