Supreme Court asked to Trial Court that in Babri Masjid demolition case how will complete the hearing till April 2019.
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जैसा आप सभी को ज्ञात है कि बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी एवं अन्य कई नेता इस मामले में आरोपी हैं। शीर्ष अदालत ने ट्रायल कोर्ट से कहा है कि वह रिपोर्ट दे और पूरा प्लान बताए कि कैसे अप्रैल, 2019 तक केस की सुनवाई पूरी करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए अप्रैल की डेडलाइन तय की है। जस्टिस आर एफ नरीमन और इंदु मल्होत्रा की बेंच ने मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल सीबीआई जज एसके यादव की याचिका पर यह आदेश दिया।
यादव ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि अयोध्या मामले से जुड़े केस की सुनवाई के चलते उनका प्रमोशन रुक गया है। जज यादव ने कहा कि उनके प्रमोशन और ट्रांसफर पर रोक की वजह सुप्रीम कोर्ट का ही वह आदेश है, जिसमें उसने कहा था कि ट्रायल चलने तक उन्हें बदला नहीं जा सकता। शीर्ष अदालत ने 6 दिसंबर, 1992 को कारसेवकों की ओर से बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले की जल्द सुनवाई के मकसद से यह आदेश दिया था।
जज एसके यादव की अर्जी पर सुनवाई करते हुए बेंच ने उनसे कहा कि वह सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपकर बताएं कि कैसे ट्रायल कोर्ट अगले साल अप्रैल तक मामले को समाप्त करेगी। शीर्ष अदालत ने यह जानने के बाद ऐसा आदेश दिया कि इस मामले में 2016 में 101 बार सुनवाई को स्थगित करना पड़ा, जबकि अप्रैल 2017 से अब तक 13 कार्यवाही स्थगित हो चुकी है। बता दें कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस को देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने के लिए झटका बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेताओं पर साजिश रचने का आरोप बरकरार रखा था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में टॉप बीजेपी लीडर्स समेत सभी आरोपियों के खिलाफ एक साथ मामला चलाए जाने का आदेश दिया। गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई लखनऊ और रायबरेली में चल रही है।