Supreme court to be charged on rape charges
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रेप का मुकदमा दर्ज कराने के कुछ दिन बाद ही केस वापस लेने की अर्जी डालने या आरोपी को बचाने के लिए बयान बदलने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा संदेश दिया है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा है कि रेप आरोपी को बचाने के लिए अगर पीड़ित पक्ष उससे समझौता करता है या बयान से पलटता है तो उल्टा उसी के ऊपर केस दर्ज किया जाएगा।
हां वो बात और है कि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी एकदम साफ किया है कि उल्टा मुकदमा करने की स्थिति तभी बनेगी जब आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत होंगे। यानी कि रेप केस में अगर आरोपी के खिलाफ साक्ष्य कोर्ट में मौजूद हो, इसके बाद भी अगर पीड़िता आरोपी को बचाने की कोशिश करती है तो उल्टा उसी के ऊपर मुकदमा चलाया जाएगा।
जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा कि रेप पीड़िता के मेडिकल रिपोर्ट में भी अगर आरोपी को क्लीनचिट दे दी जाती है, लेकिन अन्य सबूतों के आधार पर कोर्ट को लगता है कि रेप हुआ था। और इसके बाद भी पीड़िता आरोपी को बचाने की कोशिश करती है तो कोर्ट पीड़िता के ऊपर ही मुकदमा चलाने का आदेश दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी रेप केस के एक मामले में सुनवाई के दौरान की है। दरअसल इस मामले में कोर्ट ने आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में पीड़िता ने कोर्ट में कहा कि उसके साथ रेप नहीं हुआ है।