केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि देश में बहुत से स्टार्टअप शुरू होते हैं और शुरुआती दौर में ही दम तोड़ देते हैं. ऐसे में हमें इन स्टार्ट अप की शुरुआत में ही दम तोड़ देने की स्थिति में सुधार लाना होगा.
गोवा स्टार्टअप एवं नवोन्मेष दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभु ने कहा कि देश में स्टार्टअप की आधिकारिक संख्या करीब 20,000 है लेकिन वास्तव में यह बहुत अधिक है. उन्होंने कहा कि देश में युवा उद्यमों की संख्या को ‘ सामान्य तौर पर कम करके देखा गया ’ है. हमें स्टार्टअप की ‘शुरुआत के कुछ ही समय में बंद होने की दर’ को कम करना होगा.
दो दिवसीय इस कार्यक्रम का आयोजन गोवा सरकार ने किया था जिसका शनिवार को समापन हो गया. इसका मकसद नए उद्यमों को विभिन्न संभावनाएं तलाशने के लिए एक मंच प्रदान करना है. राज्य के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रोहन खाउंटे भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे.
प्रभु ने कहा, ‘देशभर में आधिकारिक तौर पर 20,000 स्टार्टअप हैं, लेकिन यह आंकड़ा काफी कम बताया गया है. मैं देशभर में गया, मैंने देखा कि उनकी संख्या बहुत अधिक है.’
अपनी गुजरात विश्वविद्यालय की हालिया यात्रा का वर्णन करते हुए प्रभु ने कहा कि वहां उन्होंने पाया कि 17-18 साल के किशारों के पास अविश्ववसीय उद्यमी विचार हैं. यह भविष्य के सफल कारोबारी हैं.
प्रभु ने कहा कि नवजात शिशुओं की तरह ही नये स्टार्ट अप को भी सहारा दिया जाना चाहिये. कई नये स्टार्ट अप शुरू होने के कुछ महीने के भीतर ही बंद हो जाते हैं, इसलिये हमें इस दर को कम करने को काम करना चाहिये.