Monday, December 16, 2024
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आनन-फानन में पासपोर्ट जारी कर फंस गयीं सुषमा स्वराज!

SI News Today
Sushma Swaraj, who was caught issuing passport in anonymity!

@SushmaSwaraj

महिला तन्वी सेठ को पासपोर्ट देने के लिए पासपोर्ट विभाग ने उसके आवेदन पर लगी आपत्तियों को भी दरकिनार कर दिया। तन्वी ने पासपोर्ट विभाग के जिस वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्र पर धार्मिक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था, उस अधिकारी ने तीन आपत्तियां उठाई थीं। बावजूद इसके एक भी दस्तावेज की जांच नहीं की गई और केवल एक घंटे में पासपोर्ट प्रिंट कर सौंप दिया गया। विभाग में चर्चा है कि ऐसा विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के कहने पर किया गया। इस अधिकारी ने बुधवार रात को ही फोन किया और गुरुवार को तन्वी सेठ को पासपोर्ट सौंपने का आदेश दिया।

विकास मिश्र के अनुसार, नोएडा की कंपनी में 12 साल से काम करने वाली तन्वी ने खुद को लखनऊ की निवासी साबित करने के लिए वर्क फ्रॉम होम की जानकारी दी थी। इसी पर पहली आपत्ति लगाई थी कि ऐसा कैसे संभव है। दूसरी आपत्ति दस्तावेजों में तन्वी सेठ और निकाहनामा में नाम बदलकर सादिया होने पर लगाई गई थी। तीसरी आपत्ति फार्म के कॉलम में अपने दूसरे नाम को न जोडऩे पर लगाई गई थी। विकास की इन आपत्तियों का निस्तारण करने की बजाय तन्वी को आनन-फानन पासपोर्ट जारी कर दिया गया।

वांछित दस्तावेज के मानकों में कमी
तन्वी सेठ का नाम अब सादिया है, जबकि उन्होंने पासपोर्ट बनाने के लिए वांछित दस्तावेजों के मानक पूरे नहीं किए। उन्होंने आवेदन में हाईस्कूल की मार्कशीट और आधार कार्ड लगाया, जिस पर तन्वी सेठ नाम लिखा हुआ है। साथ ही एक प्राइवेट बैंक की पासबुक की छायाप्रति लगाई, जिसमें मोहम्मद अनस के साथ तन्वी सेठ के नाम से संयुक्त खाता है। उसके साथ निकाहनामा लगाया, जिसमें नाम सादिया है। नियम के अनुसार किसी राष्ट्रीयकृत बैंक की पासबुक ही मान्य होती है, जबकि यहां निजी बैंक की पासबुक लगाई गई।

नहीं पहुंची वेरिफिकेशन की डिटेल
तन्वी सेठ और उनके पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी को एक घंटे में पासपोर्ट बनाकर दे दिया गया लेकिन, इसका वेरिफिकेशन अब तक शुरू नहीं हो सका। दूसरे दिन शुक्रवार को जवाहर भवन स्थित अभिसूचना विभाग में दोनों की वेरिफिकेशन डिटेल नहीं पहुंच सकी। कैसरबाग इंस्पेक्टर डीके उपाध्याय ने बताया कि उनके पास जैसे ही डिटेल आएगी उसकी जांच की जाएगी।

मूल रूप से गोंडा की तन्वी
तन्वी सेठ मूल रूप से गोंडा के अतरौला की पटेलनगर की रहने वाली हैं। मोहम्मद अनस सिद्दीकी से उन्होंने 12 अगस्त, 2007 को रविवार के दिन अपना धर्म बदलकर सादिया के नाम से निकाह किया था। मोहम्मद अनस लखनऊ के अमीनाबाद स्थित नाज सिनेमा रोड पर झाऊ लाल चिक वाली गली के रहने वाले हैं। तन्वी ने इसी पते पर अपना आधार कार्ड बनवाया और संयुक्त बैंक अकाउंट खोला। बीती 20 जून को तन्वी सेठ अपना नया पासपोर्ट और मोहम्मद अनस अपने पासपोर्ट का रिन्यूवल कराने के लिए रतन स्क्वायर स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र पहुंचे थे।

नोटिस के बाद आगे कार्रवाई
वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्र का तबादला का आदेश हो चुका है। उनसे जवाब मांगा गया है। इसका नोटिस दिया जा चुका है। उनका जवाब मिलने के बाद ही पासपोर्ट विभाग इसकी रिपोर्ट विदेश मंत्रालय को भेजेगा। हालांकि तन्वी सेठ और मोहम्मद अनस सिद्दीकी को पासपोर्ट सौंपकर विभाग फंस गया है। विकास मिश्र के खिलाफ कार्रवाई तो कर दी गई लेकिन, मामला अभद्रता करने का बनाया है। विकास मिश्र नियम के अनुसार काम कर रहे थे, ऐसे में उनकी नोटिस का जवाब पासपोर्ट विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा सकता है।

एसोसिएशन भी खोलेगी मोर्चा
नियम के अनुसार काम करने वाले विकास मिश्र के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर पासपोर्ट विभाग के कर्मचारियों में भी रोष है। ऑल इंडिया पासपोर्ट कर्मचारी एसोसिएशन इसे लेकर आरपार की लड़ाई के मूड में है। एसोसिएशन के पदाधिकारी 25 और 26 को देश के सभी 36 क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारियों के सम्मेलन में जाकर वहां इस कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाएंगे। फिलहाल एसोसिएशन विकास मिश्र के नोटिस के जवाब के बाद विभाग के अगले कदम पर नजर बनाए हुए हैं।

घर में नहीं तन्वी का परिवार
अमीनाबाद स्थित जिस घर में तन्वी सेठ अपनी छह साल की बेटी और पति के साथ रहती हैं, वहां शुक्रवार को सन्नाटा पसरा रहा। संवाददाता ने उनसे संपर्क करना चाहा तो घर में वृद्ध महिला मिलीं, जिन्होंने बताया कि तन्वी और अनस बाहर चले गए हैं। पड़ोसियों ने बताया कि वह गुरुवार रात को घर से निकले थे। इसके बाद दिखाई नहीं दिए।

मैने गलत नहीं किया, हर जांच को तैयार
विकास मिश्र ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। एक अधिकारी होने के नाते मेरा जो कार्य था उसे ही नियम के अनुसार किया। नोटिस का जवाब बना रहा हूं और साक्ष्यों के साथ उसे सौंप दूंगा। फिलहाल जवाब देकर ही नए तैनाती स्थल की ओर रवाना हो जाऊंगा।

सोशल मीडिया पर जांच की मांग
भाजपा नेता सुब्रह्म्ण्यम स्वामी ने ट्विटर पर सवाल किया है कि क्या यह सच है कि सादिया अनस को एच 1 वीजा इसलिए नहीं दिया गया था, क्योंकि वह इस्लामिक नाम से ऊब गई थीं? मानक गुप्ता कहते हैं कि हिंदू लड़की मुस्लिम लड़के से शादी करे तो क्या ङ्क्षहदू धर्म बरकरार रख सकती है। तन्वी ने निकाह के लिए नाम क्यों बदला? ट्विटर पर शुक्रवार को विकास मिश्र के नाम से हैश टैग किया गया जिस पर दिन भर हजारों लोगों ने उनके समर्थन में ट्वीट किया।

सम्मानित करेगी शिवसेना
इस मामले में शिवसेना भी उतर आई। शिवसेना के प्रदेश सचिव विश्वजीत सिंह ने बताया कि उनकी पार्टी पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्र को सम्मानित करेगी। साथ ही राज्यपाल से मिलकर उनको ज्ञापन देगी और उनका ट्रांसफर निरस्त कराएगी।

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