Friday, November 22, 2024
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सुषमा स्‍वराज ने कहा- ISIS ने मोसुल में बांग्‍लादेशियों को छोड़ दिया, 39 भारतीयों को मार दिया…

SI News Today

मोसुल में लापता हुए 40 भारतीयों में से 39 मारे गए हैं. इनमें से एक व्‍यक्ति हरजीत मसीह मुस्लिम बनकर आईएसआईएस के चंगुल से निकल भागा था. मारे गए 39 लोगों में से 38 शवों का डीएनए सैंपल मैच हो गया है. यह जानकारी राज्‍यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने दी. उनके अनुसार इराक में आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट ने इन सभी का पहले अपहरण किया और उसके बाद मारकर दफना दिया. इन शवों की पहचान के लिए पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार सैंपल भेजे गए थे. सबसे पहले संदीप नाम के लड़के का सैंपल मैच हुआ. मृतकों में से 31 पंजाब, 4 हिमाचल और बाकी पश्चिम बंगाल-बिहार के हैं. स्‍वराज ने यह भी कहा कि इनके साथ बांग्‍लादेशियों को भी पकड़ा गया था लेकिन उनको छोड़ दिया गया.

सुषमा स्‍वराज ने बयान में यह भी कहा कि जनरल वीके सिंह मृतकों के शवों को लेने के लिए इराक जाएंगे. जिस प्‍लेन में इनको लाया जाएगा, वह सबसे पहले अमृतसर, उसके बाद पटना और कोलकाता जाएगा. सुषमा स्‍वराज ने यह भी बताया कि बच निकले हरजीत मसीह ने इरबिल से फोन किया था. जब हमने पूछा कि तुम कैसे बच निकले तो उसकी बताई बातें हालांकि झूठी साबित हुईं. राज्‍यसभा में मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई.

हरजीत मसीह ने अपना नाम अली बताया
ISIS ने 40 भारतीयों के साथ बांग्लादेशियों को भी पकड़ा था. ISIS ने उन्हें तब कब्ज़े में लिया, जब वो खाना खाने जा रहे थे. ISIS ने बांग्लादेशियों को छोड़ा, सभी को इरबिल भेज दिया. बांग्लादेशियों के साथ एक भारतीय हरजीत मसीह भी निकला. मसीह ने अपना नाम अली बताया और निकल गया. ISIS ने 40 भारतीयों की गिनती की तो वो 39 ही निकले. सभी 39 भारतीयों को ISIS ने इराक के बदूश भेज दिया. जांच में पता चला कि बदूश के एक पहाड़ पर सामूहिक कब्र है. कब्र की रडार से जांच की गई तो 39 शवों का पता चला. खुदाई कर शवों को निकाला गया तो हिंदुस्तानी कड़े मिले. शवों से लंबे बाल और कड़े मिले, जिससे भारतीय होने का शक हुआ. कुछ शवों के जूते ऐसे थे जो इराक़ में नहीं बने हुए थे. लापता 39 भारतीयों के रिश्तेदारों का DNA सैंपल भेजा गया. 38 लोगों का DNA मैच हुआ, एक भारतीय का 70% DNA मैच हुआ. पंजाब, हिमाचल, बिहार, बंगाल से DNA सैंपल बगदाद भेजे गए.

मोसुल की कहानी
– जून 2014 को 30 लाख की आबादी वाले मोसुल शहर पर ISIS के आतंकवादियों ने कब्ज़ा कर लिया था.

– शुरुआत में ISIS के सिर्फ 1300 आतंकवादियों ने लड़ाई शुरू की थी. लेकिन कुछ ही महीनों के अंदर आतंकवादियों की संख्या हज़ारों में पहुंच गई. सितंबर 2014 तक मोसुल शहर में ISIS के क़रीब 31 हज़ार आतंकवादी घुस चुके थे.

– उस वक्त इराक की सेना के मुकाबले मोसुल में, आतंकवादियों की संख्या का अनुपात 8 के मुक़ाबले 1 का था. इराकी सैनिकों की संख्या…आतंकवादियों के मुकाबले 8 गुना ज़्यादा थी. लेकिन इसके बावजूद इराकी सेना हार गई थी.

– 2014 में जब मोसुल पर ISIS का कब्ज़ा हुआ, तो इसे आतंकवादियों ने अपनी सबसे बड़ी सफलता माना था.

– ISIS के प्रमुख अबु बकर अल बगदादी ने मोसुल की ही अल-नूरी मस्जिद से खुद को खलीफा घोषित किया था. 2017 में इराकी सेना ने मोसुल पर फिर से कब्‍जा कर लिया.

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