SUV purchased 5.6 million rupees from royal family! Know report ..
केरल में पुलिस ने कतर में नौकरी कर चुके एक भारतीय को गिरफ्तार किया है जिसने शाही परिवार के साथ 5.6 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की. उसने यह धोखाधड़ी फर्जी ईमेल आईडी के जरिए की. पुलिस ने बताया कि उसे कतर म्यूजियम अथॉरिटी से 13 जून को एक शिकायत मिली थी. इसके बाद साईबर शाखा ने जांच शुरू की. इसमें पुलिस की भी मदद ली गई. दो दिन में जिस खाते में रुपए जमा किए गए थे उसे ट्रेस कर लिया गया और उसे फ्रीज कर दिया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद सुनील मेनन की त्रिसुर में तलाश शुरू हुई. बैंक खाता उसके ही नाम पर है. खाता फ्रीज होने के बाद वह लापता चल रहा था लेकिन बाद में पुलिस ने उसे पकड़ लिया. गुरुवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस ने बताया कि धोखाधड़ी की रकम से सुनील ने एसयूवी खरीदी है और रिश्तेदारों को 20 लाख रुपए लोन भी दिया.
पेंटिंग बेचने का झांसा दिया था ठग ने
केरल में मामले की जांच कर रहे पुलिस इंस्पेक्टर बीजू कुमार ने बताया कि सुनील ने शाही परिवार के सदस्यों के नाम पर फर्जी ईमेल आईडी बना ली थी. उससे ही उसने म्यूजियम को एक पेंटिंग के मार्फत मेल किया. मेल में उसने कतर के शेख तमीम बिन हमाद अल थानी की गोल्ड फ्रेम वाली पेंटिंग म्यूजियम को बेचने की बात कही थी. उसने इसके लिए किंग की बहन शेख अल-मयस्सा बिन हमाद बिन खलीफा अल-थानी के नाम का इस्तेमाल किया. साथ ही कतर म्यूजियम अथॉरिटी के कुछ आला अफसरों के नाम का भी प्रयोग किया. मेल में उसने बैंक खाते में एडवांस के तौर पर 5.6 करोड़ रुपए जमा कराने की बात कही थी. म्यूजियम ने यह रकम उसके खाते में ट्रांसफर कर दी. लेकिन जब पेंटिंग वहां नहीं पहुंची तो कतर के अधिकारियों ने अमेरिकी कंपनी के बारे में जांच की और पाया कि म्यूजियम के साथ धोखाधड़ी हुई है. इसके बाद उस मेल आईडी की पड़ताल हुई. तब अधिकारियों को पता चला कि ईमेल केरल से आया था.
खाड़ी देश में शुरू किया था पेंटिंग खरीदने का कारोबार
खबर के मुताबिक पुलिस ने बताया कि मेनन कई साल खाड़ी देशों में नौकरी कर चुका है. वह वहां ऑडिटर के तौर पर काम कर रहा था. इसके बाद वह पुरानी पेंटिंग के कारोबार में आ गया. वह बीते साल ही भारत लौटा, उसका कारोबार फेल हो गया था. पूछताछ में उसने बताया कि Emkei.cz नाम की साइट से उसने यह धोखाधड़ी की. इसके जरिए ही वह किंग के परिवार के सदस्यों की ईमेल आईडी तक पहुंच पाया. उसने अमेरिकी कंपनी के बारे में भी जानकारी हासिल की थी. पुलिस जांच कर रही है कि मामले में कुछ और लोग शामिल हैं या नहीं.