The country’s third largest bank after Baroda, Vijaya and Dena Bank merger
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सरकार ने सोमवार को एलान किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों-बैंक आफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का आपस में विलय किया जाएगा।सरकार ने ऋण एवं आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये यह कदम उठाया है । जिसके बाद ये देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक हो जायेगा । इन तीनों बैंकों के विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 19 रह जायेगी । इस निर्णय से बैंकों की आर्थिक वृद्धियों को गति मिलेगी। बता दें, पिछले साल सरकार ने देश के सबसे बड़े बैंक SBI में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया था । जिसके बाद स्टेट बैंक दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल हो गया था ।
योजना का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इससे बैंक की आर्थिक स्थित मजबूत होगी और उनके कर्ज देने की क्षमता को भी गति मिलेगी । बैंको के विलय करने के कारणों को बताते हुए जेटली ने कहा बैंकों की कर्ज देने की कमजोर स्थिति के कारण कंपनियों के निवेश पर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने ने कहा कि ‘वैकल्पिक प्रणाली’ के जरिए लिए गए तीन बैंकों को मिलाने के इस फैसले से एक बड़ा बैंक अस्तित्व में आयेगा जो कि मजबूत होगा और वहनीय होगा । कई बैंको की स्थित अत्यधिक ख़राब है और इसका कारण अत्यधिक कर्ज तथा फंसे कर्ज (एनपीए) में वृद्धि है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘विलय होने के बाद अस्तित्व में आनी वाली इकाई बैंकों की गतिविधियों में बढोत्तरी होगी ‘SBI की तरह विलय होने पर तीनों बैंकों के कर्मचारियों की वर्तमान सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकार की 21 बैंकों में बहुलांश हिस्सेदारी है। इन बैंकों की एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की बैंक परिसपंत्ति में दो तिहाई से अधिक हिस्सेदारी है।
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार कहा कि तीनों बैंकों के विलय से परिचालन दक्षता और ग्राहकों की मिलने वाली सेवा बेहतर होगी।’ उन्होंने कहा कि विलय के बाद तीनों बैंकों के एकीकरण से बनने वाला बैंक वित्तीय तौर पर मजबूत होगा और पैमाने की मितव्ययिता के साथ मजबूत प्रतिस्पर्धी होगा।