The petition filed in the Supreme Court against those who fill false affidavits.
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नामांकन के साथ दिए जाने वाले हलफनामे में गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवारों पर अंकुश लगाने के लिए भाजपा नेता और वकील अश्वनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस याचिका के जरिये मांग की गई है कि जो लोग झूठा हलफनामा दर्ज करके मदताओं को भ्रमित करने का प्रायस करते हैं, उसे चुनाव का भ्रष्ट घोषित करने के साथ-साथ उन उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराया जाए.
बता दें कि इस याचिका को चुनाव आयोग और विधि आयोग के सुझावों के आधार पर बनाया गया है, चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार फार्म 26 में हलफनामा दाखिल करता है, जिसमे वह अपना आपराधिक रिकॉर्ड, चल-अचल संपत्ति, शिक्षा, योग्यता और देनदारियों का ब्योरा देता है. वही जो भी उम्मीदवार हलफनामे में किसी भी तरह की कोई गलत जानकारी देता है तो उसे कानून धारा 125 ए के तहत उसे 6 महीने के कारावास या जुर्माना या फिर दोनों की सजा का प्रावधान है.
वही याचिकाकर्ता का कहना है कि चुनाव आयोग ने झूठे हलफनामे को गंभीर मानते हुए सुझाव दिया था कि, धारा 125 ए में दी गई सजा को बढ़ाकर 2 वर्ष का कारावास किया जाए. और जुर्माने की सजा का विकल्प पूरी तरह से हटा दिया जाए. याचिकाकर्ता का यह भी मांग है कि झूठे हलफनामे जैसे गंभीर अपराध को जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 (1 ) की सूचि में शामिल किया जाए जोकि दोषी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के अयोग्य बताती है.