अहमदाबाद: गुजरात चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक दल जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में दिनरात एक किए हुए हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुद ही यहां चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं. लेकिन पार्टी में फूट और नेताओं के बगावती सुर कांग्रेस के लिए मुसीबत बने हुए हैं. पार्टी में टिकट को लेकर नेताओं में इस कदर दौड़ मची हुई है कि एक ही सीट पर कई-कई नेता एक साथ दावा पेश कर रहे हैं. वडोदरा की सावली विधानसभा सीट पर कांग्रेस के तीन नेताओं ने नामांकन दाखिल किया है. हालांकि नामांकन भरने वाले इसे पार्टी में एकता की मिसाल दे रहे हैं. उधर, सावली के एसडीएम ने कहा है कि 27 नवंबर से पहले पार्टी का जनादेश दिखाना होगा, अन्यथा उनकी दावेदारी रद्द कर दी जाएगी.
पर्चा दाखिल करने वाले नेताओं से जब पार्टी में गुटबाजी को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह एकता दिखाने का उनका तरीका है. जिसे भी पार्टी का जनादेश मिलेगा बाकि दो अन्य दावेदार उसकी मिलकर मदद करेंगे. हालांकि पार्टी के कुछ लोग इसे कांग्रेस में चल रही गुजबाजी मानकर देख रहे हैं. सावली के एसडीएम रचित राज ने तीनों दावेदारों से पार्टी का जनादेश 27 नवंबर तक दाखिल करने को कहा है. एसडीएम ने कहा कि जनादेश दाखिल नहीं करने की दशा में नामांकन रद्द कर दिया जाएगा.
बता दें कि चुनावों से पहले कांग्रेस में गुटबाजी मुखर पर थी. कई विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. कांग्रेस छोड़ने को लेकर विधायकों में होड़ सी मच गई थी. बाद में पार्टी आलाकमान ने वर्तमान विधायकों को टिकट दिए जाने के आश्वासन पर पार्टी में बगावती सुर कुछ शांत हुए थे. पार्टी के वरिष्ठ नेता शंकरसिंह वघेला ने भी कांग्रेस छोड़ दी थी. गुजरात में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में गुटबाजी मुखर पर थी. इतना ही नहीं राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी भी पार्टी के खिलाफ आग उगल चुके हैं. उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था. वह साफ कह चुके हैं कि वे पार्टी आलाकमान से खुश नहीं हैं.