Sunday, December 15, 2024
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सबसे ज्‍यादा भ्रष्‍टाचार के लिए कोई अवार्ड हो तो येदियुरप्‍पा को मिलेगा: अमित शाह

SI News Today

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जहां उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेता के लिए ‘भ्रष्टाचार’ शब्द का इस्तेमाल कर दिया। दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शाह कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रहे थे, अचानक ही उनके मुंह से अपनी ही पार्टी के सीएम उम्मीदवार येदियुरप्‍पा के लिए भ्रष्टाचार शब्द निकल गया। उन्होंने कहा कि येदियुरप्‍पा सरकार सबसे ज्यादा भ्रष्ट सरकार है।

शाह की जुबान फिसलने का जो वीडियो इस वक्त सामने आया है उसमें वह कह रहे हैं, ‘भ्रष्टाचार के लिए अगर स्पर्धा कराई जाए तो येदियुरप्‍पा सरकार को भ्रष्टाचार में नंबर वन सरकार का अवॉर्ड जरूर मिलेगा।’ बीजेपी अध्यक्ष का वाक्य खत्म होने के तुरंत बाद ही उनके बगल में बैठे एक नेता ने उन्हें कान में कुछ कहा, जिसके बाद अपनी बात दोहराते हुए शाह बोले, ‘…अरे, सिद्धारमैया सरकार को भ्रष्टाचार के लिए नंबर वन सरकार का अवॉर्ड देना चाहिए।’ इस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी सीएम उम्मीदवार येदियुरप्पा भी शाह के बगल में बैठे थे।

वहीं कांग्रेस की ओर से शाह की जुबान फिसलने का मजाक बनाया जा रहा है। कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड दिव्या स्पंदन रम्या ने अमित शाह का वीडियो ट्वीट कर कहा, ‘कौन जानता था कि अमित शाह सच भी बोल सकते हैं। शाह जी हम सब आपसे सहमत हैं, येदियुरप्‍पा सबसे ज्यादा भ्रष्ट हैं।’

आपको बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष दो दिवसीय दौरे पर कर्नाटक आए हैं। उन्होंने अपनी कॉन्फ्रेंस में कहा कि लिंगायतों और वीरशैव लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने का राज्य सरकार का कदम हिंदुओं को बांटने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि यह वीरशैव एवं लिंगायत समुदायों की बेहतरी के लिए उठाया गया कदम नहीं है बल्कि बी एस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने से रोकने की ‘साजिश’ है।

बीजेपी अध्यक्ष ने सिद्धारमैया के ऊपर अहिंदू नेता होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मठों और मंदिरों को भी सरकारी नियंत्रण में लाने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए। शाह ने कहा, ‘मैंने पांच-छह बार कर्नाटक की यात्रा की है और लोगों से मिलने के बाद मैं कर्नाटक की भावनाएं समझ सका। यहां के लोगों का मानना है कि सिद्धारमैया अहिंद नेता नहीं बल्कि अहिंदू (हिंदू विरोधी) नेता हैं।’

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