भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता साइन अभिनेता व वर्त्तमान पटना साहिब सांसद शत्रुध्न सिन्हा ने पार्टी को चेतवानी दी है. गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चल रही चुनाव के बीच कहा है कि इससे पार पाया जा सकता है अगर बीजेपी वन मैन शो और दो सैनिकों की सेना की मानसिकता से बाहर आएं.
शत्रुध्न सिन्हा ने पीटीआई से बातचीत के दौरान कहा कि,’मुझे लगता है कि युवाओं, किसानों और व्यापारी वर्ग के असंतुष्ट होने की वजह से हमें गुजरात और हिमाचल प्रदेश, दोनों ही जगहों पर कड़ी टक्कर मिलने वाली है.’ शत्रु ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी के पार्टी पर पकड़ की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मैंने बीजेपी इसलिए नहीं जॉइन की कि इसे मैं छोड़ दूं. उन्होंने गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव को चुनौती कहते हुए कहा कि इससे पार पाया जा सकता है जब वन मैन शो और दो सैनिकों की सेना की मानसिकता से बाहर आएं.
शॉटगन का कहना है कि पार्टी को एकमत रहना चाहिए वरिष्ठ नेताओं, जिनका पार्टी को ऊपर लेकर जाने में महत्वपूर्ण योगदान है उनके मार्गदर्शन में साहसिक तरीके से आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी की गलती नहीं समझ आई उन्हें साइडलाइन या कहें कि अंजान क्यों बना दिया गया. हम सभी परिवार की तरह है अगर कोई कमी है तो उसे सुधारने का प्रयास क्यों नहीं किया जाता है. आडवाणी और जोशी के संदर्भ में कहा कि दोनों पार्टी संस्थापक है उन्हें पार्टी के मार्गदर्शक मंडल का सदस्य बना दिया गया है यह उनकी सक्रिय राजनीति पारी का अंत का संकेत दे रहे हैं. नोटबंदी पर कहा कि पार्टी को इस बात से इनकार नहीं करना चाहिए कि नोटबंदी की वजह से कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है इसको लेकर नाराजगी भी जताई है.
शत्रु ने कहा, ‘गुजरात में पाटीदार जैसी दिक्कतों के लिए पार्टी नेतृत्व का अहंकारी होना ही मुख्य वजह है.’इसके अलावे उन्होंने कहा कि, ‘हम हार्दिक पटेल को जीतने में नाकामयाब रहे जबकि हार्दिक वैचारिक रूप से बीजेपी के करीब थे.’ राजस्थान में सरकार द्वारा एक बिल के प्रस्ताव पर भी जमकर आलोचना की जिसमें मीडिया को सरकारी कर्मचारियों और वकीलों पर लगे आरोपों की रिपोर्टिंग करने से रोक दिया गया था. गौरतलब है सिन्हा लगातार पार्टी में अलग-थलग चल रहे हैं. सिन्हा को आडवानी जोशी गुट का माना जाता है जो पुरी तरह से साइड लाइन कर दिया गया है. सिन्हा पार्टी के ऊपर लगातार बयानबाजी के कारण ही साइड लाइन कर दिया गया है. पीएम के पटना विश्वविद्यालय में कार्यक्रम में शिरकत भी नहीं कर सके थे.