केंद्र की मोदी सरकार से एक बड़े घटक दल के अलग हो जाने के बाद बिहार में सियासत तेज हो गई है. एक तरफ बिहार में उपचुनाव का प्रचार चल रहा है दूसरी तरफ नेताओं का बयानबाजी भी चरम सीम पर है. महागठबंधन में एक साथ काम कर चुके चाचा सीएम नीतीश कुमार और भतीजे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी के बीच व्यंग का दौर जारी है.
बीजेपी की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी शिव सेना के बाद संकट से गुजर रही बीजेपी को एक और झटका दिया आंध्रप्रदेश की टीडीपी ने जब मंत्रीमंडल में शामिल सहयोगी पार्टी ने अलग होने का फैसला लिया. विशेष राज्य का दर्जा न मिलने से नाराज चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार को बीच में छोड़ने का फैसला किया है. पहले से ही बजट से नाराज चल रहे चंद्रबाबू नायडू ने मांगे पूरी नहीं होने पर गठबंधन तोड़ते हुए बीजेपी से अलग होने का फैसला लिया है. चंद्रबाबू नायडू ने इस संदर्भ में ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा हाई कि उन्होंने पीएम मोदी से बात करने की कोशिश की लेकिन वो इसके लिए उपलब्ध नहीं थे. अपना पक्ष रखते हुए कहा कि केंद्र एकतरफा फैसले लेता रहा है और अब उनके धैर्य की इंतहा हो गई है. जब केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने से उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है तब बेहतर है कि वो अलग हो जाएं.