बिहार की सियासत गलियारों में इन दिनों एक नाम चर्चा का विषय बना हुआ है राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) प्रमुख और केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा जिसपर हर किसी की नजर है. बिहार में तीन सीटों पर उपचुनाव को लेकर एनडीए में भारी उठापटक का सामना करना पड़ा है जिसे बीजेपी अध्यक्ष ने काफी गंभीरता से लिया है.
जहानाबाद विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा नाराज चल रहे हैं जिसे भांपते हुए अमित शाह ने उनसे मुलाक़ात की है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई है. हालांकि आरएलएसपी के सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने बिहार की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की गई है. जहानाबाद सीट विधानसभा चुनाव के समय रालोसपा के खाते में गई थी. हालांकि कुशवाहा के बागी सांसद जहानाबाद से सांसद अरुण कुमार हैं जिन्होंने कुशवाहा की दावेदारी का विरोध किया था. इसके अलावे इस सीट पर जीतनराम मांझी ने भी अपनी दावेदारी पेश की थी और अपने उम्मीदवार के रूप में अनिल शर्मा को आगे किया था हालंकि बाद में उन्होंने अपना हाथ पीछे कर लिया था. बीजेपी ने इससे बचने के लिए जनता दल यूनाईटेड को उम्मीदवार उतारने के लिए कहा. जेडयू ने अभिराम शर्मा के रूप में अपना उम्मीदवार उतारा है.
मीडिया में आ रही ख़बरों के मुताबिक बीजेपी ने यह सीट रालोसपा को कुशवाहा से अलग होने वाले अरुण कुमार के विरोध के कारण नहीं दिया है क्यूंकि अरुण कुमार का का इस सीट पर काफी पकड़ माना जाता है. हालांकि कुशवाहा का सीएम नीतीश कुमार के साथ प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है. साथ ही नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन में आने के बाद कुशवाहा को कम तरजीह देने के कारण नाराज चल रहे थे इस बीच जहानाबाद सीट उनसे छीन लिए जाने के बाद चर्चाओं का बाजार और भी गर्म हो गया. कहा जा रहा है कि जहानबाद सीट जदयू को दिए जाने के बाद कुशावाहा के मन में क्या चल रहा है इस बात को जानने के लिए अमित शाह ने मिलने के बुलाया.
इससे पहले भी अमित शाह और उपेन्द्र कुशवाहा के बीच नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद मुलाकात हुई थी. उस समय कुशवाहा को मंत्रीमंडल से इस्तीफा देने की बात कही गई थी इस बारें में मीडिया में खबर आई थी कि अमित शाह को कुशवाहा ने दो टूक जवाब देते हुए कहा था कि आप हमें मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दीजिए इस्तीफा नहीं देंगे. वैसे भी हम संघर्ष करके पहुंचे हैं इस बात को लेकर जनता के बीच में भी जायेंगे जिसे सुन अमित शाह हक्के-बक्के रह गए थे. गौरतलब है कि अमित शाह बीजेपी के चाणक्य कहे जाते हैं जिन्हें बिहार यूपी की जातिगत समीकरण की अच्छी पकड़ है. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बिहार में पिछड़े वोटरों को एकजुट किया था. पिछड़े वोटरों में यादव के बाद कुशवाहा समाज का वोट सबसे ज्यादा है जिसपर नीतीश कुमार की पकड़ मानी जाती थी लेकिन अब बदली परस्थितियों में इसपर कुशवाहा ने पकड़ बना ली है जिसपर अमित शाह ने नजर बना रखा है यहीं कारण है कि अमित शाह ने कुशवाहा के मन को टटोलने में जुट गए हैं.