सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम के राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाली महागठबंधन में जाने के इस फैसले पर उनकी पार्टी में दो फाड़ हो गया. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने एनडीए छोड़ महागठबंधन में मांझी के जाने के फैसले पर मोर्चा खोल दिया.
मांझी के फैसले से नाराज पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा है कि मांझी का फैसला अलोकतांत्रिक है. मांझी जी ने अपने परिवार पुत्र के मोह में यह फैसला लिया है. नरेंद्र सिंह के इस बयान पर प्रदेश अध्यक्ष वृषण पटेल और प्रवक्ता दानिश रिजवान ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि नरेंद्र सिंह पार्टी के सदस्य ही नहीं है ऐसे में उनसे पूछ कर महागठबंधन में जाने का सवाल ही नहीं उठता है.
इस मुद्दे पर पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने कल बड़ा बयान दिया है. भागलपुर सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि वह खुद विधान परिषद और कोर्ट में कह चुके हैं कि वह हम में नहीं हैं. ऐसे में उनकी बोली का अर्थ आप लगा सकते हैं. नरेंद्र सिंह के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पूर्व सीएम मांझी के आवास पर आयोजित जवाबी प्रेस वार्त्ता में नरेंद्र सिंह के खुद को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का सदस्य बनाए जाने को लेकर हम के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल ने हास्यपद करार दिया था.
पटेल ने कहा था कि पटना उच्च न्यायालय के एक रिट के दौरान नरेंद्र सिंह के द्वारा एफिडेविट कर माननीय न्यायालय को यह जानकारी दी गई है कि वह जनता दल यूनाइटेड के सदस्य हैं ना कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के, ऐसी परिस्थिति में उनका यह बताना कि वह हम के सदस्य हैं, यह हास्यप्रद है. पटेल ने कहा कि रही बात महागठबंधन के साथ जाने की तो वह स्पष्ट है कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा आज महागठबंधन के साथ है और यह फैसला जिला अध्यक्षों के साथ बैठक कर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने लिया गया है.
प्रवक्ता रिजवान ने कहा था कि यह फैसला सभी जिलाध्यक्षों और वरीय नेताओं के साथ बैठक कर लिया गया है. रिजवान ने खुलासा करते हुए यह भी कहा कि इस फैसले से पहले सिंह ने फोन कर कहा था उन्हें राज्य सभा उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो राजद के साथ जाने को तैयार हैं. लेकिन जीतनराम मांझी ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया.
गौरतलब है कि नरेन्द्र सिंह ने पूर्व सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा था कि मैं मांझी के साथ बुरे दिन में भी रहा और उनको सीएम से हटाने का विरोध करता रहा. मांझी के इस फैसले पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा था कि मांझी से मेरा कोई स्वार्थ नहीं रहा फिर भी मैं उनके साथ रहा. मुझे मांझी द्वारा पार्टी में इस तरह का फैसला लेने के कदम से अफसोस है. सीएम नीतीश कुमार से मेरे रिश्ते काफी अच्छे थे फिर भी मैं विरोध कर मांझी के साथ रहा लेकिन आज पुत्र मोह में यह सब कर रहे हैं.
भागलपुर सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एनडीए का साथ छोड़ राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाली महागठबंधन में जाने को लेकर खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि परिस्थिति कुछ ऐसी पैदा हो गयी कि उन्हें महागठबंधन में शामिल होना पड़ा हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अकेले उनका नहीं पार्टी द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया फैसला है. 1996 में भी वह लालू प्रसाद के साथ थे. राजद नेता लालू प्रसाद ने जेल से मदद के लिए उन्हें फोन किया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ इस मुद्दे पर आगे की योजना पर बैठक हुई डील हुई है.