बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की जनता सुशासन बाबू के नाम से भी जानती है। इसके पीछे आम जनता के कल्याण के लिए बनाई गई उनकी नीतियां भी है। नीतीश कुमार ने पूर्ण शराबबंदी और दहेजबंदी जैसी नीतियां लागू की हैं। अब नीतीश सरकार ने बिहार के कुछ क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर होने वाले बाल विवाह पर भी रोक लगाने का फैसला किया है। इसका मकसद प्रदेश में लड़कियों की दशा, जन्मदर और स्त्री-पुरुष अनुपात को सुधारना है। इससे संबंधित योजना का एलान गुरुवार को आयोजित की गई कैबिनेट की विशेष बैठक में किया गया। गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट मंत्रियों की विशेष बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने प्रदेश में लड़कियों की दशा, शिक्षा के स्तर, गिरती जन्मदर और बिगड़ते स्त्री-पुरुष अनुपात पर चर्चा की। बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि बैठक में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना को मंजूरी दी गई है। नई योजना इसी माह से लागू कर दी जाएगी। इस योजना में बिहार में पैदा होने वाली लड़की के जन्म से लेकर ग्रैजुएशन करने तक उसका खर्च सरकार वहन करेगी। वहीं, एक अन्य फैसले में बच्चियों के लिए सेनेटरी नैपकिन के लिए मिलने वाले भत्ते की रकम को दोगुना कर दिया गया है। पहले ये रकम 150 रुपए थी, जो अब बढ़ाकर 300 रुपए कर दी गई है।
किसे मिलेगा योजना का लाभ: कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में हर लड़की के लिए 54,100 रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। इसमें कुछ शर्तें भी लागू की गई हैं। जैसे बच्चे के जन्म से पहले गर्भवती मां का रजिस्ट्रेशन सरकारी अस्पताल में करवाया गया हो। उसे सभी टीके समय से लगाए गए हों। वहीं, बच्ची का जन्म सरकारी अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ हो। माता-पिता के पास आधार से लिंक बैंक खाता होना भी अनिवार्य है।
कब मिलेगा योजना का लाभ : इस योजना में बच्ची का जन्म होते ही माता-पिता के खाते में 2,000 रुपए सरकार डाल देगी। बच्ची के एक वर्ष का होने पर उसका आधार रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। योजना में बच्ची का आधार लिंक होते ही उसे फिर से 1,000 रुपया मिल जाएगा। वहीं, टीकाकरण पूरा होने पर फिर से 2,000 रुपया मिलेगा। लड़की के स्कूल जाने पर उसकी यूनिफॉर्म, किताबें और बैग सरकार मुफ्त देगी। लड़कियों की 12वीं तक की स्कूली फीस बिहार सरकार ने पहले ही माफ कर रखी है। जब लड़की 12वीं कक्षा पास करेगी तो सरकार उसे फिर से 10 हजार रुपए देगी। यहां पर ये शर्त रखी गई है कि अगर लड़की अविवाहित है, तभी उसे ये रकम मिल सकेगी। लड़की के ग्रैजुएशन पास करने पर उसे 25 हजार रुपए मिल जाएंगे। लेकिन यहां पर विवाहित या अविवाहित की शर्त नहीं जोड़ी गई है। योजना का लाभ परिवार की सिर्फ दो बच्चियों को ही मिल सकेगा।
योजना पर इतना खर्च करेगी सरकार: वर्तमान में बिहार सरकार के महिला कल्याण विभाग का बजट साल में करीब 840 करोड़ रुपए का है। इस योजना के लागू हो जाने से विभाग का खर्च बढ़कर करीब 2,221 करोड़ रुपए हो जाएगा। सरकार इस योजना पर करीब हर साल करीब 1400 करोड़ रुपए खर्च करेगी। सरकार का मानना है कि इस योजना का सीधा लाभ सरकारी, गैर सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक, माध्यमिक, इंटर कॉलेजों, प्रस्वीकृत, संबद्ध, प्रस्वीकृत मदरसों, संस्कृत और वित्त रहित कॉलेजों, अंगीभूत और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को होगा।
इन्हें भी होगा बड़ा फायदा: कैबिनेट की बैठक में पहले से चल रही कुछ योजनाओं के बजट को भी बढ़ाया गया है। समेकित बाल विकास छात्र योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से लेकर छह साल तक के बच्चों को यूनिफॉर्म के लिए सालाना 250 रुपए मिलते थे, अब ये बजट बढ़कर 400 रुपए हो गया है। इस फैसले से प्रदेश भर के 32 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे। एसिड अटैक का शिकार होने वाली लड़कियों को भी दिव्यांग पेंशन योजना से जोड़ दिया गया है। अब उन्हें भी 400 रुपए महीने भत्ता दिया जाएगा। बिहार में अभी तक दिव्यांगता की न्यूनतम अर्हता 40 फीसदी थी, अब इसे हटा दिया गया है।