मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्तावित भागलपुर दौरे को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को कड़ाके की ठंड में भी पसीने छूट रहे हैं। सभी चुस्त-दुरुस्त और अपने काम में पक्का साबित होने की कोशिश में लग गए हैं। प्रत्येक स्तर पर बैठकों और पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का दौर जारी है। एसएसपी मनोज कुमार ने जिले के थानेदारों से लेकर डीएसपी तक को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की हिदायत दी है। इन अधिकारियों को डर सता रहा है कि कहीं बेगूसराय और बक्सर जैसा वाकया भागलपुर में भी न हो जाए। यह बताना जरूरी है कि सैकड़ों करोड़ रुपए के सृजन घोटाले के उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री का भागलपुर का पहला दौरा है। मुख्यमंत्री का भागलपुर के उदाहडीह गांव 17 जनवरी को आना तय हुआ है। यह गांव सुल्तानगंज ब्लॉक में पड़ता है। सीएम विकास कामों की समीक्षा यात्रा को लेकर पूरे सूबे का दौरा कर रहे हैं। यह उनकी पांचवें चरण की यात्रा है।
इसके मद्देनजर डीएम आदेश तितमारे, डीडीसी आनंद शर्मा, एसडीओ सुहाग भगत सरीखे दर्जनों अधिकारी सुल्तानगंज में पड़ाव डाले हुए हैं। कड़ाके की ठंड और ऊपर से शीतलहर के थपेड़ों के बीच ग्रामीण अपनी फरियाद या शिकायत लेकर आएं या न आएं लेकिन अधिकारी काउंटर लगाकर निदान करने बैठे हुए हैं। एक-आध दर्जन दरख्वास्त वृद्धावस्था पेंशन, राशन कार्ड, जमीन की मालगुजारी जैसी समस्याएं लेकर लोग आ रहे हैं। गली-नाली पक्कीकरण, हर घर नल-जल का काम भी चल रहा है। मगर सबसे ज्यादा फिक्र पुलिस महकमा में है। मुख्यमंत्री की हिफाजत में चूक न हो जाए। मुख्यमंत्री की उदाहडीह गांव में ही आम सभा होगी। वहीं मंच बनाया जा रहा है। सुरक्षा घेरा जरूरत से ज्यादा सख्त बनाया जा रहा है। पटना मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिसबल मांगा गया है। डीआईजी और आईजी भी अपने स्तर से समीक्षा कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 6 जनवरी को बेगूसराय के बलिया ब्लॉक मैदान में मुख्यमंत्री की सभा के दौरान एक लड़का सुरक्षा घेरे को तोड़कर मंच पर चढ़ गया था। हालांकि वहां तैनात पुलिस अधिकारियों ने फौरन उसे दबोच लिया। लड़के का नाम अजित कुमार है और वह साहेबपुर कमाल थाना चौकी का रहने वाला है। वाकए के बाद बेगूसराय के एसपी ने फौरन वहां तैनात 10 प्रशिक्षु कांस्टेबल को निलंबित कर दिया था। लेकिन गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय ने मुंगेर के आयुक्त और डीआईजी से रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही वहां के डीएम एसपी ने एसडीओ और दो डीएसपी से कैफियत पूछी है। इन्हीं की ड्यूटी निगरानी की वहां लगाई गई थी।
दूसरा वाकया बक्सर के गांव में हुआ था। मुख्यमंत्री के काफिले पर जान लेवा हमला और वह भी आला अधिकारियों की मौजूदगी में। इस घटना की जांच पटना के आयुक्त आनंद किशोर और आईजी नैयर हसनैन खान कर रहे हैं। कहते हैं महादलित टोले की महिलाएं उनसे मिलना चाहती थीं, जिसे अधिकारियों ने रोक दिया। इसी गुस्से में यह वारदात हुई। हालांकि यह जांच से ही साफ होगा कि हमले की वजह क्या रही। इन्हीं सब वजहों से भागलपुर के आला अधिकारी ज्यादा सतर्क और मुस्तैद हैं। महादलित टोले के बचे काम खासकर पीने के पानी का घरों में कनेक्शन देने, गली-नाली पक्की कराने और राशन कार्ड मुहैया कराने वगैरह बुनियादी काम बचे तीन दिनों में पूरा करने में लगे हुए हैं। इसका मकसद यही है कि यहां के लोगों में किसी तरह की नाराजगी न रहे और जिला प्रशासन फजीहत से बच सके।