बुधवार सुबह भागलपुर में एक बड़ा मामला सामने आया. भागलपुर में एक बड़ी कार्यवाई हुई है. कार्यवाई भागलपुर सिनेमा रोड में मेडिकल एजेंसी हुई है जहां टीम को जानकारी मिली थी कि मेडिकल एजेंसी में अवैध काम हो रहा था. इस दौरान टीम को कई आपत्तिजनक दवा तथा कागजातों में अनियमितता मिली.
ड्रग इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि उक्त थोक विक्रेता द्वारा होलसेल और रिटेल में नशीली दवाएं विशेषकर डायलेक्स डीसी बेची जाती हैं. शिकायत के बाद छापेमारी की गई. उन्होंने बताया कि तीन प्रकार की दवा को नमूने के तौर पर जांच के लिये संकलित कर जब्त किया गया है तथा 29 प्रकार की दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई है.
इतना ही नहीं जांच के दौरान दुकान का फ्रिज भी बंद पाया गया. ऐसे में फ्रिज में रखी दवाओं को भी जब्त कर लिया गया. दुकानदार द्वारा बगैर कैशमेमो के ही दवा की बिक्री की जाती थी. इतना ही नहीं दुकान से दवाओं की खुदरा बिक्री भी की जाती थी. इस तरह का आरोप दुकानदार पर पहले भी लगा था तथा इस सिलसिले में विभागीय कार्रवाई चल रही है. दुकान का लाइसेंस रद्द करने के लिये विभाग को लिखा गया है.
इस बार हुई छापेमारी के आलोक में वरीय अधिकारी से निर्देश प्राप्त कर सीजेएम की कोर्ट में वाद दायर किये जाएंगे. स्थानीय लोगों ने बताया कि शाम होते ही दवा दुकान में नशेड़ियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है. इस दौरान नशीले टेबलेट और सीरप की खरीद-बिक्री की जाती थी.
इन नशीली दवाओं की बाजार में होती है बिक्री. नशाबंदी लागू होने के बाद नशेड़ियों का मादक दवाओं की ओर तेजी से रुझान बढ़ा है. ऐसे में कुछ दवा दुकानदार नशीली दवाओं की कालाबाजारी प्राथमिकता के तौर पर करने लगे. मोटे तौर पर डायलेक्स, कोरेक्स सीरप, फोर्टविन, टीडी जेसिक एम्पुल, स्पास्मो प्रोक्सीवॉन, एन 10 सरीखी दवाओं की धड़ल्ले से बिक्री करने लगे.
दवा दुकानदार गौतम केसरी ने बताया कि नशीली दवा गलत तरीके से बेचने का आरोप बेबुनियाद है. जिन दवाओं का कैश मेमो ड्रग इंस्पेक्टर को नहीं उपलब्ध् करा दिया जाएगा. बरहाल इस घटना से भागलपुर में हड़कंप मच गया है .