दिल्ली कांग्रेस ने आगामी बारिश के मौसम में राजधानी में जलभराव के खतरे को लेकर आगाह करते हुए कहा है कि 15 जून की समयसीमा निर्धारित होने के बावजूद लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) और नगर निगमों ने अब तक पांच फीसद से भी कम नालों से गाद निकाली है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के आपसी झगड़े के कारण दिल्ली के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले समय में आप सरकार व भाजपा शासित निगम डेंगू व चिकनगुनिया के फैलने व जलभराव को लेकर एक-दूसरे पर दोषारोपण करेंगे। माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार के पीडब्लूडी विभाग के अंतर्गत 1042 सड़कें आती हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली महामारी के कगार पर बैठी है क्योंकि पीडब्लूडी की वेबसाइट से डिसिल्टिंग को लेकर लिए गए आंकड़े चौंकाने वाले है। वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक, 29 मई तक पीडब्लूडी के अंतर्गत आने वाले केवल 4.70 फीसद नालों की ही सफाई हुई है। हैरानी की बात है कि पीडब्लूडी विभाग ने 29 मई को नालों की सफाई में काम आने वाली सुपर सकर मशीन का टेंडर जारी किया, जबकि 15 जून तक नालों की सफाई हो जानी चाहिए।
इससे यह साबित होता है कि दिल्ली सरकार मानसून व उसके कारण होने वाली परेशानियों से निपटने के लिए कितनी तैयार है। एक संवाददाता सम्मेलन में माकन ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस के राज में स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसिजर बनाया गया था, जिसके तहत 15 जून तक पीडब्लूडी के तहत आने वाले नालों की डिसिल्टिंग का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, क्योंकि मानसून के आने से पहले डिसिल्टिंग की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए क्योंकि गाद को बाहर निकालने के बाद उसको सूखने के लिए कुछ दिन चाहिए होते हैं ताकि उसको आसानी से हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि आए दिन भाजपा व आप आपस में लड़ते रहते हैं और न ही इन दोनों ने पिछले वर्षों में डेंगू व चिकनगुनिया के फैलने व उनसे हुई मौतों से कोई सबक लिया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी भाजपा शासित निगम दिल्ली सरकार के पीडब्लूडी विभाग पर अपनी नाकामियों का ठीकरा फोड़ेगी क्योंकि पीडब्लूडी के अंतर्गत आने वाले नालों की डिसिल्टिंग नहीं हुई है। माकन ने कहा कि पीडब्लूडी विभाग के नाकामियों के आंकड़े वेबसाइट पर तो उपलब्ध हैं, लेकिन नगर निगमों ने तो डिसिल्टिंग को लेकर एक भी आंकड़ा जारी नहीं किया है। माकन ने कहा कि केंद्र सरकार ने केजरीवाल व उनकी टीम के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में लीपापोती के अलावा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है क्योंकि उनके खिलाफ कोई एफआइआर तक नहीं हुई है।