मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को अब सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के ही पूर्व मंत्री कपिल मिश्र ने लोकायुक्त रेवा खेत्रपाल के समक्ष शपथ लेकर केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने अपने सहयोगी मंत्री सतेंद्र जैन से दो करोड़ रुपए नकद लिए है। इस शपथ के बाद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का अपना नैतिक अधिकार खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि गुरुवार को दिल्ली की लोकायुक्त रेवा खेत्रपाल के समक्ष दायर एक याचिका में साक्ष्य देने आए दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्र ने शपथ लेकर लोकायुक्त को बताया कि उनकी आंख के सामने केजरीवाल ने सहयोगी मंत्री सतेंद्र जैन से दो करोड़ रुपए नकद लिए। कपिल ने लोकायुक्त और पत्रकारों के समक्ष भी अपनी बात दोहरा चुके हैं।
घटना सुनाते हुए मिश्र ने कहा कि जब उन्होंने केजरीवाल से पूछा यह कैसा रुपए हैं तो उन्होंने कहा कि ‘इस तरह के लेन देने तो राजनीति में चलते ही रहते थे, बाद में बात करेंगे।’ कपिल ने कहा कि मुख्यमंत्री के रिश्तेदार सुरेंद्र बंसल की कंपनी ने पीडब्लूडी में 10 करोड़ रुपए के फर्जी बिल दिए। जिनका भुगतान भी किया गया और अब एसीबी में एफआइआर भी दर्ज है।
कपिल ने मूल शिकायत से अलग लोकायुक्त के समक्ष भी कहा कि अपने सरकारी एवं निजी दौरों में आम आदमी पार्टी से जुड़े 5 नेताओं संजय सिंह, आशीष खेतान, सतेंद्र जैन, राघव चड्ढा एवं दुर्गेश पाठक ने विदेश जाकर भारत विरोधी तत्वों से मुलाकात की। कपिल ने लोकायुक्त महोदया के समक्ष मुख्यमंत्री पर दिल्ली जल बोर्ड में 400 करोड़ रुपए के टैंकर घोटाले का भी आरोप लगाया। तिवारी ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि यदि केजरीवाल को लोकायुक्त संस्था के प्रति कोई भी सम्मान है तो वह इस शपथ पर दिए साक्ष्य के बाद आगे की जांच निष्पक्ष हो सके इसलिये मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें।