दिल्ली की एक अदालत ने गुजरात के सांसद केसी पटेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए दायर की गई अपील को अस्वीकर दिया है। याचिकाकर्ता एक महिला वकील है जिसका आरोप है कि केसी पटेल ने उसके साथ रेप करने की कोशिश की थी। वर्तमान में महिला वकील केसी पटेल से कथित तौर पर आपत्तिजनक वीडियो के जरिए पैसे मांगने के आरोप में पुलिस हिरासत मे है। मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह ने अपने फैसले में कहा, ‘महिला के आचरण और पुलिस की प्रस्तुति से पता चलता है कि वो उसकी एफआईआर दर्ज करने की इच्छुक नहीं थी। वहीं कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता ने पहले भी कई सांसदों, मंत्रियों और सिविल सेवकों के खिलाफ इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद सभी उनके आरोपों से पीछे हट गए थे।
बता दें कि घटना से जुड़े में मामले में महिला के कोर्ट जाने से पहले सांसद केसी पटेल ने 2 मई (2017) को महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी जिसमें कथित आपत्तिजनक वीडियो के जरिए महिला द्वारा रंगदारी की बात कही थी। महिला के अनुसार सांसद केसी पटेल ने उसे बीती 28 मार्च (2017) अपने आवास पर बुलाया और उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। बाद में सांसद की शिकायत करने महिला पुलिस स्टेशन गई लेकिन पुलिस एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया। दूसरी तरफ सासंद ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि जिस वक्त महिला उनके आवास पर आई। तब उसने उन्हें कुछ पिला दिया था और बेहोशी की हालत में उनकी आपत्तिजनक वीडियो बना ली। हालांकि बाद में महिला ने इस बात को स्वीकार किया कि उसने वीडियो बनाई थी लेकिन ये सब उसने अपने बचाव के लिए किया।
वहीं मामले में जांच कर रही पुलिस को शुरुआत में पता चला कि महिला कथित तौर पर ब्लैकमेलिंग का धंधा करती हैं जिसमें उसके साथ कई और लोग भी शामिल हैं। जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी महिला अपने इरादों को अंजाम देने के लिए मदद के बहाने सांसदों से संपर्क करती थी और फिर बाचतीत कर उनसे पहचान बना लेती थी। बाद में महिला चाय के बहाने के उन्हें अपने घर ले जाती थी और आपत्तिजनक हालात में सांसदों की तस्वीरें और वीडियो के जरिए उनसे पैसों या फिर किसी अच्छी सी नौकरी की मांग करती थी। जिसपर सांसदों के इंकार करने पर आरोपी महिला बलात्कार का झूठा आरोप लगाकर केस करने की धमकी देती थी।