राजधानी दिल्ली में एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप रिश्तों की अधेड़बुन में खुद को फंसा हुआ पाएंगे. यहां एक बेरहम मां ने पिछले दो साल से मानसिक रूप से अस्वस्थ अपनी बेटी को फ्लैट में कैद कर रखा था. स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने नाबालिग को कबाड़ का तहखाना बन चुके फ्लैट से बाहर निकाला.
बिल्डिंग से आ रही थीं रोने की आवाजें
घटना दिल्ली के पांडव नगर इलाके की है. यहां स्थित एक बिल्डिंग के लोग रोज रात में एक बच्ची के रोने की आवाजें सुनते थे. शनिवार को एक बार फिर उन लोगों को बच्ची के रोने की आवाजें सुनाईं दीं. उन्होंने फौरन पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस ने मौके पर पहुंच पाया कि रोने की आवाज बिल्डिंग के थर्ड फ्लोर से आ रही है.
फ्लैट में बिखरा था कूड़ा
दरवाजा खोलते ही अंदर का मंजर देख सभी के होश उड़ गए. फ्लैट में चारों तरफ कूड़ा बिखरा हुआ था. वहां एक बेड रखा हुआ था. लोगों को देख डरी-सहमी नाबालिग बच्ची कोने में छिप गई. बच्ची ठीक से न कुछ बोल पा रही थी और न ही चल पा रही थी. लोगों ने पुलिस को बताया कि दिन में दो बार बच्ची की मां उसे खाना देने के लिए आती है.
मां ने बच्ची को बताया बीमार
पुलिस बच्ची को अपने साथ थाने ले आई. बच्ची के थाने में होने की खबर सुनकर उसकी मां और बहन भी वहां पहुंच गईं. थाने पहुंचे परिजन बच्ची के बीमार होने की दलील देने लगे. साथ ही उन्होंने पुलिस को बताया कि बच्ची खुद अपनी मर्जी से फ्लैट में अकेले रह रही थी. वहीं उन्होंने जल्द ही फ्लैट की सफाई करने की भी बात कही.
पति से अलग रहती है बच्ची की मां
फिलहाल पुलिस ने बच्ची का मेडिकल करवाने के बाद उसे संस्कार आश्रम भेज दिया है. पुलिस बच्ची को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से सामने पेश कर आगे कार्रवाई करने की बात कह रही है. बताते चलें कि बच्ची की मां पिछले 7 साल से अपने पति से अलग रह रही है. वह अपनी दूसरी बेटी के साथ लक्ष्मी नगर में किराए के मकान में रहती है.