केंद्र सरकार ने नेताओं और कुछ पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा का रिव्यू किया। इसके बाद कुछ नेताओं की सुरक्षा को कम कर दिया गया है। भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना सैयद कल्बे सादिक़ को आर एंड एडब्ल्यू सुरक्षा के तहत रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक मौलाना सैयद कल्बे सादिक़ ने इस सुरक्षा के लिए मना कर दिया है। इसके साथ ही करीब 42 नेताओं की सुरक्षा में कमी की गई है। वहीं कांग्रेस में वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा रखने पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, अजय माकन, गुजरात में विपक्ष के नेता अर्जुन मोधवाडिया, लोकसभा सांसद शशि थरूर, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल की सुरक्षा को वाई कैटेगरी में बदल दिया गया है।
विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी), नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी), इंडो-तिब्बती बॉर्डर पुलिस और सीआरपीएफ वीवीआईपी, वीआईपी, कुछ केंद्रीय अधिकारियों, मशहूर हस्तियों और खिलाड़ियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियां हैं। सुरक्षा कैटेगरी को बदलने का फैसला हाल ही में लिया गया था जब खुफिया एजेंसियों ने सभी 42 व्यक्तियों की सुरक्षा का आकलन किया था। वीआईपी की सुरक्षा की समय-समय पर खुफिया एजेंसियों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समीक्षा की जाती है। उनकी सिफारिशों के आधार पर, सुरक्षा कैटेगरी को अपग्रेड करने या डाउनग्रेड करने के लिए निर्णय लिया जाता है।
जानिए क्या होती है सिक्योरिटी: जिस वीआईपी को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलती है उसके साथ 36 सुरक्षाकर्मी और 10 एनएसजी कमांडो हर वक्त तैनात रहते हैं। जेड श्रेणी की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी और 5 एनएसजी कमांडो हर वक्त वीआईपी के साथ रहते हैं। वाई प्लस सिक्योरिटी में 11 सुरक्षाबलों के साथ तीन कमांडो हर वक्त साथ रहते हैं। वाई श्रेणी में 11 सुरक्षाबलों के साथ 2 कमांडो सुरक्षा में तैनात रहते हैं। वाई श्रेणी में कमांडो केवल 12 घंटे ही साथ रहते हैं। एक्स श्रेणी में पांच या दो सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाती है।