शनिवार को दिल्ली के बवाना इलाके में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 10 महिलाओं और 7 पुरुषों की मौत हो गई. आग बुझाने के बाद जैसे ही शवों को पास के महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया, डॉक्टर हैरान रह गए. शवों की हालात देखकर ड्यूटी पर तैनात कई डॉक्टरों की चीख तक निकल गई. हादसे में घायलों को बचाया जा सके इसके लिए डॉक्टरों ने कई को वार्ड में रेफर कर दिया गया.
जल चुका था शवों का 95 फीसदी हिस्सा
भास्कर में छपी एक खबर के मुताबिक जब शवों को अस्पताल लेकर आया गया, तो उसे देखकर लग रहा था कि जैसे किसी ने पहले ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया हो. ज्यादातर शवों की 95 फीसदी हिस्सा जल चुका था. खबर के मुताबिक डॉक्टरों ने कहा कि कई शवों का तो इतना भी हिस्सा नहीं बचा था कि वह देखकर पता लगा सके कि उनमें सांस बची हुई भी है या नहीं. उन्होंने कहा कि फैक्ट्री में लगी आग के कारण शव पूरी तरह से सिकुड़ गए थे, जिसे देखकर वह खुद हैरान थे कि यह इंसानों के शव हैं भी या नहीं. शवों की ऐसी हालात को देखकर ही कई डॉक्टर चीख पड़े.
10 मिनट में घर से बुलाए गए 15 डॉक्टर
हादसे में घायलों और मृतकों की संख्या को देखकर महर्षि वाल्मीकि अस्पताल प्रशासन को महज 10 मिनट में 15 डॉक्टरों को घर से बुलाना पड़ा. अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा कि उन्हें जिस वक्त हादसे की जानकारी मिली, उस वक्त अस्पताल परिसर में महज 6 डॉक्टर थे. जैसे-जैसे शवों को अस्पताल लेकर आया गया उन्होंने हालातों को काबू में करने के लिए एक और वार्ड खोल दिया. पहले 4 डॉक्टरों को इमरजेंसी के तौर पर बुलाया गया, लेकिन हालातों को काबू में किया जा सके इसके लिए 11 डॉक्टरों और 20 नर्सों की तैनाती की गई. घायलों की सही समय पर इलाज मिल सके इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने बवाना के पास बीजेआरएम, एलएनजेपी अस्पतालों के इमरजेंसी वॉर्ड को भी पहले से ही अलर्ट कर दिया गया.
नीचे बारूद, ऊपर प्लास्टिक से भड़की आग
पुलिस ने बताया कि आग पटाखा, प्लास्टिक और ऑयल फैक्ट्रियों में शनिवार दोपहर 3:30 बजे लगी थी. आग एक फैक्ट्री से दूसरी फैक्ट्री में फैलती रही. आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की 12 गाड़ियों ने करीब 4 घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया. जानकार बताते हैं कि इस फैक्टरी तथा गोदाम में 50 से अधिक लोग काम करते हैं. तीन मंजिलों में काम होता है.
फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार किया
इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या फैक्ट्री के पास पटाखे स्टॉक करने का लाइसेंस था? क्या उसके पास फायर विभाग या अन्य सुरक्षा संबंधित मानक पूरा करने के लाइसेंस थे? इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार कर लिया. विशेष आयुक्त एसबीके सिंह ने कहा कि इस बाबत 285ए और 304 का मुकदमा दर्ज किया जाएगा.