Exclusive: Blackmailing business with prisoners in Tihar Jail.
नई दिल्ली:
देश की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल में कैदियों से अवैध वसूली के लिए उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है। धन न देने पर मालदार कैदियों को चप्पे चप्पे पर प्रताड़ित किया जाता है। ऐसा ही मामला अभी हाल में सामने आया है। दरअसल जेल नंबर 1 में तैनात हेड वार्डेन महेशा नन्द जोशी की जब से तैनाती यहाँ की गयी है, तब से यहाँ के कैदियों को पैसों के लिए कुछ कर्मचारियों की मदद से कदम-कदम भर की दूरी पर धन उगाही के लिए परेशान किया जा रहा है। बताया जाता है कि धन न मिलने पर हेड वार्डेन सुनियोजित योजना के तहत इन कैदियों को परेशान करते रहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों 6 मई को जेलर के कक्ष में मुर्गे- दारू की चली पार्टी की उडी खबर भी इसी हेड वार्डेन की सुनियोजित योजना का एक हिस्सा बताई जाती है। जेल के जानकारों के मुताबिक जेल में बंद दो बिल्डर और अन्य लोगों से अवैध वसूली करने के लिए पहले उन्हें प्यार से समझाया गया कि वो धन सीधे तरीके से दे दें, लेकिन जब जेल में बंद कर्मचारियों ने हेड वार्डेन जोशी को पैसे देने से इंकार कर दिया, तो पहले हेड वार्डेन और उसके साथियों ने कैदियों को परेशान किया। बात अपने ऊपर न आ जाये इसलिए अधिकारियों के सर मढ़ने के लिए उसे “जेल में पार्टी चलने” की खबर उड़ाकर उसे मीडिया तक पहुंचा दिया।
फिलहाल जेल से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अपने इन्हीं कारनामों के चलते महेशा नन्द जोशी दो बार पहले निलंबित किए जा चुके हैं, लेकिन सत्ता के गलियारे और अधिकारियों में खासी घुसपैठ के चलते बहाली होते ही उन्हें फिर से जेल-1 में हेड वार्डेन जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनाती कर दी गयी। बताया जाता है कि जब से यहाँ जोशी की तैनाती की गयी है, तभी से यहाँ कैदियों से धन उगाही करने के लिए उन्हें प्रताड़ित करने का धंधा फलफूल रहा है। मजेदार बात है कि जिस दिन “जेल में पार्टी चलने” की खबर उड़ाई गयी है उसी दिन जोशी और उनके चहेते कर्मचारियों ने पहले तो इन कैदियों से पैसों की मांग की, लेकिन जब उन्होंने पैसे देने से इंकार कर दिया गया तो उन पर शिकंजा कसने के लिए यह झूठी खबर उड़ा दी गयी।
सूत्रों के मुताबिक अगर यह सही खबर है तो जेल की कैंटीन के पास जोशी ने एक सरदार कैदी की पगड़ी तक पैसे न देने के लिए खोल डाली। यही नहीं उसे जमकर पीटा भी था। ये बात जेल में बंद कैदी और कुछ कर्मचारी भी जानते हैं, लेकिन जोशी की पहुँच के आगे कोई भी कर्मचारी और कैदी इस बात को बताने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं. जिसके चलते जोशी और उनके चहेते कर्मचारियों का तांडव जारी है। बहरहाल इस प्रकरण की जाँच तिहाड़ जेल के D.I.G. शैलेन्द्र सिंह परिहार को सौंपी गयी है। अब देखना यह है कि D.I.G. की जाँच में जोशी और उसके साथी नापे जायेंगे या फिर खानापूर्ति करके इस प्रकरण को ऐसे ही रफा दफा कर दिया जायेगा।