दिल्ली पुलिस ने शहर की एक अदालत में पश्चिमोत्तर दिल्ली स्थित एक पटाखा फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. इस साल के शुरूआत में इस फैक्ट्री में जबरदस्त आग लगने की घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी गगनदीप सिंह की अदालत में यह आरोप पत्र पेश किया. उन्होंने इस पर संज्ञान लेते हुए फैक्ट्री के मालिकों मनोज जैन और ललित गोयल तथा पांच अन्य को आरोपी के तौर पर 4 अप्रैल को तलब किया. बवाना इलाके की दो मंजिला इमारत की भंडारण इकाई में इस साल 20 जनवरी को आग लगने की घटना में दस महिलाओं समेत 17 लोगों की मौत हो गई थी.
घटना में एक पुरूष और एक महिला घायल हुए थे. पुलिस की तरफ से दायर 800 पृष्ठों के आरोप पत्र में मनोज और ललित के अलावा सुरजीत गोयल, गिरीश राठौड़, संगीता विजय यादव, उमा मित्तल और ब्रज भूषण सूद को आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने बताया कि बवाना स्थित एक अन्य फैक्ट्री में सुरजीत और गिरीश मनोज और ललित के व्यापारिक सहयोगी थे. अपरोपी उमा ने फैक्ट्री परिसर मनोज को किराये पर दिया था. संगीता ने मनोज को तेजाब सहित अन्य रासायनिक उत्पाद मुहैया करवाया था.
इस साल 31 जनवरी से मनोज और ललित न्यायिक हिरासत में है. सुरजीत और गिरीश को गिरफ्तारी के बाद जमानत दे दी गयी थी जबकि संगीता, उमा और ब्रज को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. आरोप पत्र में कहा गया है कि आरोपियों को समन जारी करने के लिए उनके खिलाफ विभिन्न मामलों में पार्याप्त सामग्री है.
इन सभी सात लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 285,338, 304, 188 तथा120 बी के तहत आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा उन्हें विस्फोटक अधिनियम, विष अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के तहत भी आरोपी बनाया गया है.