पुलिसकर्मी ज्यादातर विवादों के कारण सुर्खियों में रहते हैं लेकिन इसका अर्थ यह नहीं पुलिस अपना काम नहीं करती। दिल्ली पुलिस की एक महिला दरोगा इन दिनों अपने एक नेक काम के कारण चर्चा में हैं। दरअसल महिला दरोगा ने 90 साल के वृद्ध व्यक्ति को उनके नेत्रहीन बेटे से मिलाया। इस काम को लेकर यूपी वुमेंस सेल के आईजी (इंस्पेक्टर जनरल) नवनीत सिकेरा ने सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ की है। महिला दरोगा का नाम प्रियंका है और वह दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पर तैनात थी। इस दौरान उन्हें एक बुजुर्ग घूमते हुए दिखाई दिए। महिला पुलिसकर्मी ने बुजुर्ग को देखकर उनसे जानकारी लेनी कोशिश की। बुजुर्ग अपने बारे में कुछ बता पाते उससे पहले ही बेहोश हो गए। बुजुर्ग की तलाशी लेने पर पुलिसकर्मियों को उनकी जेब से डॉक्टर की पर्ची, रेल टिकट और कुछ पैसे मिले।
पर्ची से महिला दरोगा ने डॉक्टर का नाम निकाला और डॉक्टर से बात की। डॉक्टर से बात करने पर बुजुर्ग की पहचान हो सकी। डॉक्टर ने बुजुर्ग के गांव का नाम भी बताया। बुजुर्ग का गांव यूपी के कालपी के पास स्थित था। जिसके बाद दरोगा ने संबंधित थाने के पुलिस अधिकारियों से संपर्क साधा। इसके बाद बुजुर्ग क परिजनों से संपर्क करके उन्हें परिवारवालों को सौंप दिया। जांच में पता चला कि बुजुर्ग रामनाथ अपने नेत्रहीन बेटे से मिलने के लिए दिल्ली आए थे। उनका बेटे दिल्ली स्थित किसी स्कूल में टीचर हैं। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उनका बेटा उन्हें लेने आया था। इस दौरान वह बेटे से बिछड़ गए। बिछड़ने के बाद वह पुरानी दिल्ली के कई इलाकों में भटकते रहे। इसी दौरान महिला दरोगा की उन पर नजर पड़ी और उन्होंने बुजुर्ग को उनके परिवार से मिलवाने में मदद की।
आईजी नवनीत सिकेरा ने 5 घंटे पहले इस महिला दरोगा की इस मेहनत को लोगों के सामने रखा। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर महिला दरोगा की काम की तारीफ की जा रही है। इस पोस्ट में 5 घंटे में 550 से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं। वहीं, एक हजार से ज्यादा लोगों ने इस प्रतिक्रिया दी और 12 हजार से ज्यादा लोगों ने इस पोस्ट को लाइक किया है।