दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि तीन तलाक को लेकर जिन मुस्लिम महिलाओं ने सदियों से कष्ट उठाया है. सालों की लड़ाई के बाद अब तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं का आजादी मिली है. प्रधानमंत्री ने केरल के वर्कला स्थित शिवगिरि मठ के 85वें समारोह को वीडियो कॉफ्रेंसिग के ज़रिए सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आंतरिक बुराइयों को दूर करने के लिए संतों ने अपना जीवन खपाया है. उन्होंने कहा कि बीती हुई शताब्दी में नारी कल्याण के लिए काम करने वाले सभी महापुरुषों की आत्मा आज यह देखकर प्रसन्न होगी कि इस देश में महिला अधिकार के लिए इतना बड़ा कदम उठाया गया है. तीन तलाक को लेकर जिस तरह मुस्लिम महिलाओं ने लंबे समय तक कष्ट उठाए और सालों की लंबी लड़ाई के बाद अब हमें तीन तलाक से मुक्ति पाने का रास्ता मिला है.
शिवगिरी तीर्थ समारोह में अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों को बुलाया जाता है. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 1947 को भले ही हमने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया मगर उसके निशान से मुक्ति आप लोगों से ही संभव हुई है. उन्होंने कहा कि हमारे संतों ने कहा कि कर्म करके ही नर से नारायण हुआ जा सकता है. संकल्प से सिद्दी की यात्रा 2018 में और तेज होनी चाहिए. काला धन, भ्रष्टाचार के खिलाफ, रिफार्म से ट्रांसफार्म करते हुए देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प करें. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की धरती पर संत, मुनी और महान आत्माओं ने समय-समय पर अवतार लिया है और इन महान आत्माओं ने समाज सुधार के लिए काम किया और देश की आंतरिक बुराइयों को दूर करने के लिए संतों ने अपना जीवन खपाया है.
बता दें कि लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, 2017 पेश किया गया, जो पास हो गया है. एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसमें तीन संसोधन की मांग रखी थी, जो वोटिंग के दौरान औंधे मुंह गिर गया. लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तीन तलाक बिल के पास होने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि लोकसभा में तीन तलाक बिल पर अभी तक के सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज हो चुके हैं. लोकसभा स्पीकर ने भारत में तीन तलाक पर बैन लगाने वाले विधेयक मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, 2017 के पास होने की घोषणा कर दी. इस विधेयक की खास बात यह है कि इसे दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखते हुए तीन साल तक कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.