दिल्ली-शामली यात्री ट्रेन में बुधवार को एक मौलवी और उनके रिश्तेदारों के साथ हुई मारपीट के बाद उन्होंने आरोप लगाया है कि अज्ञात लोगों ने उनसे कहा था कि “टोपी पहनता है? टोपी पहनना हम सिखाएंगे।” बातचीत के दौरान पीड़ित मौलवी के 20 वर्षीय भतीजे मोहम्मद इसरार ने कहा कि “आरोपियों ने हमें बर्फ की सिल्लियों से मारा। हम नहीं जानते उनका मकसद क्या था लेकिन हमें यह महसूस हुआ था कि उन्हें हमारी टोपी और स्कार्फ से परेशानी हो रही थी। इसरार ने बताया कि उसके अंकल, 30 वर्षीय मौलवी मोहम्मद गुलजार और दो अन्य युवक 17 वर्षीय अबु बकर और 18 वर्षीय मोहम्मद मोमिन पहली बार दिल्ली स्थित जामा मस्जिद और हजरत निजामुद्दीन दरगाह देखने के लिए गए थे। वे सभी अपनी इस यात्रा को लेकर काफी खुश थे।”
मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार इसरार को कमर, हाथों और सिर में गंभीर चोट आई है। वहीं मौलवी गुलजार ने आपबीती सुनाते हुए कहा “दिल्ली से निकलते समय हमने शामली जाने वाली ट्रेन ली जिसमें सात लोगों ने हमपर हमला किया। ये व्यक्ति हमारे अगले वाले कंपार्टमेंट में बैठे थे। हम अहदा स्टेशन पर उतरने ही वाले थे कि तभी उनमें से एक व्यक्ति ने हमारा रास्ता रोक लिया। उन्होंने ट्रेन की खिड़कियां बंद कर दी और हमारे साथ मारपीट करने लगे। हम लगातार उनसे पूछ रहे थे कि उन्हें हमसे क्या परेशानी है क्योंकि हमें समझ नहीं आ रहा था कि वे हमारे साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं।”
मौलवी ने कहा “जब वे हमारे साथ मारपीट कर रहे थे तो उनमें से एक ने कहा कि टोपी पहनता है? टोपी पहनना हम सिखाएंगे। उस व्यक्ति की बात सुनकर हमें पता चला कि उन्हें हमारे धर्म से परेशानी हो रही थी। ट्रेन आधे मिनट के लिए ही अहदा स्टेशन पर रुकी और आरोपी हमारे साथ मारपीट करते रहे। इसके बाद ट्रेन थोड़ा सा आगे बढ़ी तो आरोपियों ने इमरजेंसी चैन खींच दी और वे ट्रेन से उतरकर सुनहरा गांव की तरफ भाग गए। गुलजार ने बताया कि ट्रेन में कई यात्री मौजूद थे लेकिन किसी ने भी आगे आकर उनकी मदद नहीं की और वे केवल तमाशबीन बने सब देखते रहे। गुलजार ने कहा मैं कभी भी दिल्ली जाने वाली ट्रेन में सफर नहीं करुंगा।” फिलहाल इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।