दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर श्रम मंत्रालय के अधीन आने वाले कंस्ट्रक्शन बोर्ड में 139 करोड़ के घोटाले का आरोप लगा है. आरोप के मुताबिक दिल्ली सरकार ने ऐसे लोगों को कागजों में मजदूर दिखाकर पैसो की बंदरबांट की है जो मजदूर ना होकर कोई और नौकरी करते हैं. यानी वो लोग जो कंस्ट्रक्शन बोर्ड के आधीन आते ही नहीं हैं. ऐसे लोगों को फर्जी तरीके से शिक्षा, अंतिम संस्कार के नाम पर 50 हजार से एक लाख रुपए तक दिए गए हैं.
आरोप है कि ऐसे लोग आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता हैं जिनको सरकार ने जानबूझ कर फायदा पहुंचाया है. बोर्ड के चेयरमैन दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय है. दिल्ली सरकार के कंस्ट्रक्शन बोर्ड में हुए इस घोटाले की शिकायत सुखबीर शर्मा ने दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच से एक महीने पहले की थी. तमाम दस्तावेजों की जांच और पूछताछ के बाद एंटीकरप्शन ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर ली है.
फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए गए
कंस्ट्रक्शन बोर्ड में हुए घोटाले की शिकायत करने वाले सुखबीर शर्मा ने जी न्यूज से कहा, ”दिल्ली सरकार ने कंस्ट्रक्शन बोर्ड में बड़े पैमाने पर अपने लोगों को भर लिया और फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर उन्हें फायदा पहुंचाया गया. ऐसे लोगों को लाखों रुपए दिए गए जो मजदूर थे ही नहीं.” उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने मजदूरों के हक के पैसे को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओ में बांट दिए. जिसकी वजह से बोर्ड को 139 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने बताया कि उनकी शिकायत पर एसीबी ने जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर लिया है.
विस्तृत जांच जारी
वहीं, एसीबी चीफ अरविंद दीप ने बताया कि ‘एसीबी को चार हफ्ते पहले घोटाले को लेकर एक शिकायत मिली थी जिसकी जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. जांच के लिए 6 लोगों की एक टीम बनाई गई है, जो रोजाना जांच की प्रगति के बारे में बताते हैं. अभी तक हमने 6 ऐसे लोगों के बयान लिए हैं जिन्होंने मजदूर का प्रमाण पत्र बनाकर बोर्ड से पैसे लिए हैं. एसीबी चीफ ने कहा कि जांच में ये सब किसी और पेशे के निकले. उनमें से कोई बुटीक मालिक है तो कोई फैक्ट्री मालिक. फिलहाल मामले की विस्तार में जांच की जा रही है.
मजदूरों के कल्याण कार्य के लिए बनाया गया था बोर्ड
आरोप के मुताबिक, दिल्ली कंस्ट्रक्शन बोर्ड का गठन 2002 में हुआ था. नियम के मुताबिक 10 लाख या उससे ज्यादा की लागत का कंस्ट्रक्शन करने वालों को बोर्ड को 1 प्रतिशत सेश देना होता है. ये पैसा कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े रजिस्टर्ड मजदूरों के कल्याण कार्य में खर्च करना होता है. जानकारी के मुताबिक, अब तक कंस्ट्रक्शन बोर्ड के पास 2300 करोड़ से ज्यादा का फंड जमा हो चुका है. आरोप के मुताबिक इसमें से 139 करोड़ से ज्यादा रुपए फर्जी मजदूरों के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए.