मध्य प्रदेश में दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने खजुराहो मंदिर परिसर में कामसूत्र से जुड़ी किताबों की ब्रिकी का विरोध किया है। मामले में बजरंग सेना के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार (13 जून, 2017) को छतरपुर पुलिस से संपर्क किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कामसूत्र की किताबें और अश्लील मूर्तियां पश्चिमी मंदिर परिसर में बेची जा रही थी, जोकि खुजराहो मंदिर में सबसे प्रसिद्ध है। बता दें कि खुजराहो मंदिर परिसर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया है। खुजराहो का ये मंदिर सुंदर कामुक मूर्तियों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। वहीं बजरंग सेना के कार्यकर्ताओं ने खुजराहो यूनिट की अध्यक्ष ज्योति अग्रवाल के साथ खुजराहो सब-डिविजनल ऑफिसर ऑफ पुलिस इसरार मंसूरी के समक्ष मामले में ज्ञापन सौंपा। इस दौरान ज्योति अग्रवाल ने परिसर में कामसूत्र की किताबें बेचने और अश्लील मूर्तियां बेचने वाले के खिलाफ एक्शन लिए जाने की मांग की, खासतौर पर टूरिस्ट कैंटीन में। इस दौरान बजरंग सेना ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा भारत की संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है।
ज्योति अग्रवाल ने कहा कि एएसआई और पर्यटन विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे मंदिर परिसर में ऐसी चीजें आसानी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजें विदेशियों के सामने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को प्रभावित करती हैं। दूसरी तरफ मंसूरी ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, ‘हम भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण और पर्यटन विभाग के अधिकारियों से सलाह लेंगे जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।’
वहीं जब ज्योति अग्रवाल से पूछा गया कि वो मंदिर की दीवारों पर बनी कामुक मूर्तियों को विरोध क्यों कर रही थीं, तो अग्रवाल ने कहा कि इस तरह की मूर्तियां प्राचीन काल में बनाई गई थीं और अब उन्हें प्रचारित करने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि पहले जो कुछ भी हुआ है उसे अब यहां होने की अनुमति नहीं दी जी सकती है। हम अपनी युवा पीढ़ी को किस तरह के नैतिक मूल्यों पर चलाएंगे। इन मंदिर का यहां धार्मिक महत्व है। यहां एक शिव मंदिर भी है। आप कैसे पवित्र मंदिर परिसर में कामसूत्र की किताबों को बेचने की अनुमति दे सकते हैं।