राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की मुस्लिम शाखा ने कहा कि उनके शास्त्रों के अनुसार बीफ (गौमांस) शरीर के लिये सेवन बेहद अस्वास्थ्यकर और नुकसानदेह है। इसलिये उनके संगठन द्वारा रमजान माह के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में चुनिंदा मस्जिदों के बाहर इफ्तार पार्टी में रोजेदारों के लिये गाय के दूध से बना शरबत पेश किया जा रहा है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सह-संयोजक एसके मुद्दीन ने आज यहां बताया, ‘‘इलाइची और अन्य सुगंधित मिश्रणों से गाय के दूध से बनाया गया शरबत रमजान माह के दौरान रोजदारों को इफ्तारी के समय पेश किया जा रहा है। इसे लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गाय का दूध कई तरह से फायदेमंद है। ‘‘यह पचाने में आसान है इसलिये इसे बच्चों को भी दिया जाता है। इसके विपरीत गाय का मांस मानव शरीर के लिये बेहद अस्वास्थ्यकर और नुकसानदेह है। उन्होंने तर्क दिया कि हदीस के मुताबिक गाय का मांस बेहद अस्वास्थ्यकर और नुकसानदेह होता है।
मंच के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रभारी मुद्दीन ने कहा कि पिछले दो दिनों से मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश के बैतूल और जबलपुर जिलों में मस्जिदों के बाहर रोजदारों को इफ्तारी के वक्त गाय के दूध से बना शरबत पेश किया जा रहा है। इसे लोगों द्वारा इससे काफी पंसद किया जा रहा है। इससे उत्साहित होकर अब हम प्रदेश के अन्य जिलों में भी रोजदारों को यह शरबत पेश करने जा रहे हैं। मंच द्वारा मुस्लिमों को संघ परिवार के निकट लाने के लिये रोजेदारों को गाय का दूध उत्तरप्रदेश में भी पिलाया जा रहा है।
बता दें कि रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समाज के लोग 30 दिन तक रोजे रखते हैं। इस दौरान रोजा रखने वालों को इस महीने में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है। रोजे के समय दिन में कुछ भी नहीं खाया-पीया जाता है। रोजे में इफ्तार और सहरी के बीच के समय में ही खान-पान किया जाता है। इफ्तार से लेकर सेहरी तक ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि रोजे के दौरान नींद पूरी न लेने से आप बीमार भी हो सकते हैं।