Madhya Pradesh is becoming a stronghold of animals, A girl became a victim of gangrape for 6 days.
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लोगों के अंदर की सवेदनाएं मरती चला जी रही हैं और लोग हवसी बनते चले जा रहें हैं। न जाने ये कौन सा जमाना आ गया है जहां पर इंसान के रूप में जानवर घूम रहा है, जो लड़कियों और औरतों की जिंदगी को नर्क बनाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है। एक दिल दहला देने वाली घटना आज से 7 दिन पहले 24 सितंबर की काली रात को अंजाम देना शुरु हुआ और इसका अंत हुआ 6 दिन बाद।
दजरअसल 7 दिन पहले 24 सितंबर को घर से मंदिर के लिए निकली 20 साल की युवती को तीन युवकों ने अगवा कर गैंगरेप किया। युवती ने विरोध किया तो उसे बेरहमी से पीटा गया। पूरी रात गैंगरेप करने के बाद दरिंदों उसे लहूलुहान और बेहोशी की हालत में मंदिर के पास फेंककर भाग गए। देर रात तक बेटी घर नहीं लौटी तो परिजन उसे ढूंढने निकले। जिसके बाद सुबह के 4 बजे वो बेहोश मिली और उसके मुंह में कपड़ा ठुंसा हुआ था।
भाई के साथ घर पहुंची युवती ने पूरी घटना अपने माता पिता को बताई। परिजन उन आरोपियों के घर पहुंचे तो उल्टा उन्हें जान से मारने की धमकी मिली। बुरी तरह से 6 दिनों तक परिजन डरे व सहमें रहे। और जब सातवें दिन वो दरिंदे डराने के लिए घर पर आ गएए तो उन्होंने फायरिंग शुरु कर दी। जिसके बाद पीड़िता ने घर के अंदर से ही 100 न0 डायल कर पुलिस को बुला लिया और उसी गाड़ी में परिवार के साथ थाने गई। फिर पीड़िता ने उस रात की पूरी कहानी बताई। तब जाके पुलिस ने तीन लोगों पर रेप का केस दर्ज किया। आरोपियों में एक एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी भी सम्मलित है, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
गौरतलब है कि पीड़िता ने बताया कि 25 सितंबर को सुबह 4 बजे छोटा भाई मुझे घर ले आया। मेरे कपड़े खून से सने हुए थे। सुबह जब अंधेरा कम हुआ तो पिता आरोपी सोनू के पिता किशोरी से मिलने गए। पर वो तो मिले नहीं, लेकिन आरोपी के भाई राकेश मिश्रा मिले। जब पिता ने घटना के बारे में बताया तो राकेश ने उल्टा धमकी देते हुए कहा कि रिपोर्ट करोगे तो जान से मार दिए जाओगे। हम तुम्हें और तुम्हारे परिवार को नहीं छोड़ेंगे। धमकी के डर से व सामाजिक बदनामी के डर से पीड़िता व उसके पिता ने 6 दिन तक रिपोर्ट नहीं की।
इतना ही नही गैंगरेप की घटना के बाद आरोपी पक्ष पीड़ित पक्ष पर हावी रहा। आरोपियों के पूरे परिवार ने दबंगई दिखाते हुए जान से मारने धमकी दे डाली। डर के मारे पीड़िता का पिता रिपोर्ट लिखाने नहीं गया। रविवार सुबह 8 बजे पीड़िता की मां कुएं पर पानी भरने गई, तभी वहां आरोपियों के परिवार के राजाराम ने उसका रास्ता रोककर अभद्रता की। आरोपी राजाराम ने पीड़िता की मां से कहा कि तेरी लड़की के साथ सोनू, प्रिंस और नीरज ने जो किया, वह हमें पता चला है। इतना सुनते ही पीड़िता की मां चिल्लाती हुई घर पहुंची और अपने पति को पूरी बात बताई। कुछ देर पश्चात ही रोहित, प्रिंस और उमंग बंदूक लेकर आ गए और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु कर दी। और धमकी भी दी कि अगर रिपोर्ट की तो जान से मार देंगे। इसके बाद पीड़िता परिवार थाने पहुंचा। युवती का अपहरण कर गैंगरेप करने और पीड़िता के घर के बाहर फायरिंग करने के मामले में हमने तत्काल प्रकरण दर्ज किया। पुलिस टीम लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
अब यहां सवाल ये उठता हे कि आखिर कब तक लड़किया दरिंदगी का शिकार होती रहेंगी और कब लगेगी इन वहशी जानवरों की जबान पर लगाम? आखिर क्या कुसूर है उनका जिसकी उन्हें सजा जिंदगीभर मिलती है? क्यों उनकी जिंदगी को इतनी बुरी तरह से खत्म किया जा रहा है जिसकी वजह से न तो वो जी पा रही हैं और न ही मर पा रहीं हैं?