Now teachers rebel against Shivraj Singh Know report ...
मध्य प्रदेश में अध्यापकों ने संविलयन के मुद्दे पर छल करने का बुधवार को राज्य सरकार पर आरोप लगाया और चेतावनी दी. अध्यापकों ने कहा कि यदि उनकी आपत्तियों को दूर नहीं किया गया तो वे आंदोलन के लिए मजबूर हैं. बुधवार को राज्य अध्यापक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलयन करने के सरकार के निर्णय के सभी बिंदुओं पर हुई चर्चा ने अध्यापकों के कान खड़े कर दिए हैं, क्योंकि इससे उनकी 20 वर्ष की सेवा की गणना शून्य हो जाएगी.
अध्यापक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष जगदीश यादव ने बैठक के बाद बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा ‘एक विभाग एक काडर’ का पालन न करते हुए मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद जारी विवरण में अध्यापकों का काडर बदल दिया गया है, जिससे पूरे प्रदेश के अध्यापकों में भारी आक्रोश व्याप्त है.
अध्यापकों की ई-अटेंडेंस का किया विरोध
यादव ने कहा कि विवरण के अनुसार अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलयन न करके नवीन पदनाम देकर काडर बदला जा रहा है. इस काडर में आने के बाद अध्यापकों की 20 वर्षों की सेवा की गणना शून्य हो जाएगी. नया काडर एक जुलाई, 2018 से लागू किया जा रहा है. बैठक में अध्यापकों की ई-अटेंडेंस का भी विरोध किया गया.
शुरू करेंगे आमरण अनशन
यादव ने कहा कि सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि शासन ने यदि अध्यापकों की आपत्तियों का निराकरण नहीं किया तो 24 जून को भोपाल में राज्यभर के अध्यापक विधानसभा का घेराव करेंगे. सकारात्मक चर्चा नहीं होने पर 25 जून से आमरण अनशन शुरू किया जाएगा. बैठक में राज्यभर के 100 से अधिक अध्यापक प्रतिनिधि उपस्थित थे.
गौरतलब है कि स्थानीय निकायों के अधीन आने वाले अध्यापकों की लंबित मांग को स्वीकार करते शिवराज सरकार ने उनका शिक्षा विभाग में संविलयन करने का निर्णय 29 मई को लिया था.