Risen water is dead in the water! Railway station making Sahara ...
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र रायसेन जिले में लोग रोजाना जान हथेली पर लेकर पानी भरने जा रहे हैं. दअरसल जिले के सलामतपुर पंचायत के गांव मुस्काबाद में इस भीषण गर्मी के कारण सभी हैंडपंपो से पानी उतर गया है. इस कारण यहां रहने वाले सैकड़ों लोगों को रोज पानी भरने सलामतपुर रेलवे स्टेशन जाना पड़ रहा है.
बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली और मुंबई सहित दक्षिण भारत को जोड़ने वाले इस व्यस्ततम रेलवे ट्रेक पर रोजाना 300 ट्रेन गुजरती हैं. ग्रामीण मजबूरी में इस व्यस्ततम रेलवे ट्रेक को पार कर पानी भरने जाते हैं. ऐसे में रोजाना बड़े हादसे का डर इन लोगों की प्यास के आगे बोना साबित हो रहा है. गांव की महिलाएं बच्चे सुबह शाम यहां ट्रेक पार कर या खड़ी ट्रेन के नीचे से निकलकर पानी भरने को मजबूर हो रहे हैं.
हादसों के डर में जिंदगी
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में 6 महीने से समस्या बनी हुई है. भीषण गर्मी के कारण गांव के दो हैंडपंप भी अब नहीं दे रहे हैं. पीएचई विभाग को बार-बार शिकायत करने के बाद भी कोई यहां हैैंडपंप सुधारने नहीं आता. ऐसे में मजबूरी में पटरी पार कर ट्यूब बेल ओर सलामतपुर रेलवे स्टेशन से पानी भरकर लाना पड़ रहा है. गांव वालों में दहशत भी बनी हुई हैं कि बच्चों के साथ पटरी पार कर पानी लाने के दौरान कोई हादसा न हो जाए.
विभाग के हिसाब से सब ठीक चल रहा है
रायसेन पीएचई विभाग के हिसाब से यहां सब ठीक है. विभाग का कहना है कि गांव में 3 हैंडपंप सहित नलजल योजना चालू है. बस उसका विस्तार करने की आवश्यकता है जिसके लिए स्थानीय लोगों को ही प्रयास करना होगा. आपने बताया है फिर से दिखवा लेते हैं. वैसे वहां ऐसे भी लोग हैं जो हेंडपंप पर मेहनत से पानी भरने की जगह स्टेशन के नल से पानी भरकर लाने में सहूलियत समझते है. फिर एक बार विभाग के लोगों को भेजकर दिखवा लेते हैं.