मध्य प्रदेश के इंदौर से पांच दिन पहले अगवा किए गए लड़के का सिर कुचल कर 500 फीट गहरी खाई में फेंक दिया गया था, लेकिन शुक्रवार को वह जीवित पाया गया। खबर के अनुसार, सागर के शाहगढ़ में रहने वाला 20 वर्षीय मृदुल उर्फ मनु भल्ला इंदौर में रहकर बीसीए की पढ़ाई कर रहा है। मनु पर्देशीपुरा स्थित कलर्क कॉलोनी में अपने दोस्त सौरभ सेन के साथ एक किराए के अपार्टमेंट में रहता था। मनु 7 जनवरी को लापता हो गया था, जिसके बाद सौरभ और उसके एक दोस्त ने इसकी शिकायत पुलिस थाने में की। पुलिस ने दोनों लड़कों की बात सुनकर इस केस को गंभीरता से नहीं लिया।
बेटे के लापता होने की खबर सुनकर 8 जनवरी को मनु के पिता मोहित भल्ला पर्देशीपुरा पुलिस थाने पहुंचे, जिसके बाद इस केस को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने जांच शुरु की। सीसीटीवी फुटेज, मनु के फोन की डिटेल और कुछ चश्मदीदों की मदद से पुलिस ने मनु की ही उम्र जितने अकाश रतनाकर और उसके दो साथी रोहित और विजय को गिरफ्तार किया। तीनों आरोपियों से पूछताछ के बाद अकाश ने पुलिस को बताया कि वह एक लड़की से प्यार करता था और उसे मनु पर शक था कि वह उसकी गर्लफ्रेंड को उससे छीनने की कोशिश कर रहा था। दोनों अक्सर रातभर चैटिंग किया करते थे, इसलिए अकाश ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मनु की हत्या करने की योजना बनाई।
रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को अकाश ने अपने भाई की गाड़ी ली और मनु को फोन कर कहा कि लड़की के अंकल उससे बात करना चाहते हैं। मनु से मुलाकात के बाद तीनों आरोपियों ने किसी तरह उसे अपनी कार में बैठाने के लिए राजी किया। मनु को कार में बैठाने के बाद वे उसे इंदौर से 25 किलोमीटर दूर पेड़मी-उदयनगर रोड़ स्थित मुआरा घाट ले गए। आरोपियों ने वहां मनु को बांध दिया और उसका पत्थर से सिर कुचल दिया। आरोपियों को लगा कि वह मर गया, जिसके बाद उन्होंने उसकी बॉडी को गहरी खाई में फेंक दिया। आरोपियों की निशानदेही से मनु की बॉडी को निकाला गया तो उसकी सांसे चल रही थी। उसे तुरंत इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर अब उसकी स्थिती ठीक बताई जा रही है। वहीं इस मामले पर स्थानीय मीडिया से मनु के पिता ने कहा कि वे तो यह मान बैठे थे कि उनका बेटा मर गया है लेकिन शुक्र भगवान का वह जिंदा है।