पंजाब में आम आदमी पार्टी के सीनियर लीडर और विधानसभा के नेता विपक्ष एच एस फुल्का ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी उनके पंजाब के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है और इसके लिए बीजेपी की ओर से हर विधायक को 15 करोड़ रुपए का ऑफर दिया जा रहा है. फुल्का ने कहा कि हमारे विधायक ईमानदार हैं और वो इस वजह से BJP के इस ऑफर के लालच में नहीं आए. फुल्का ने कहा कि बीजेपी नहीं चाहती कि आम आदमी पार्टी जैसी कोई फोर्स पंजाब में खड़ी हो इसलिए पंजाब में आम आदमी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा फुल्का ने कांग्रेस पर भी उनके विधायकों से संपर्क करने का आरोप लगाया.
बीजेपी ने फुल्का के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया. बीजेपी के पंजाब के जनरल सेक्रेटरी विनीत जोशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी को बीजेपी और पीएम मोदी के नाम का फोबिया हो गया है और इस वजह से उन्हें बीजेपी और पीएम मोदी पर आरोप लगाने के अलावा कुछ और नहीं सूझता. इसके अलावा विनीत जोशी ने कहा कि अगर पंजाब बीजेपी के किसी नेता ने आम आदमी पार्टी के विधायकों से संपर्क किया है तो आम आदमी पार्टी इसका कोई सबूत पेश करे.
विनीत जोशी ने कहा कि जो पार्टी स्टिंग करने और ऑडियो-वीडियो रिकार्डिंग करने के लिए जानी जाती है. क्या ये संभव है कि उसके विधायकों को 15 करोड़ का ऑफर दिया जाए और उस पार्टी के पास इसका कोई ऑडियो या वीडियो सबूत ना हो. विनीत जोशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी में दिल्ली में और पंजाब में भारी अंतर्कलह जारी है और इसी वजह से अपनी पार्टी के अंतर्कलह से ध्यान हटाने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता इस तरह की बात कर रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के विधायकों के संपर्क में होने के आरोप का जवाब कांग्रेस की तरफ से भी दिया गया. पंजाब के वित्त मंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर मनप्रीत बादल ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस के पास पहले से ही मेजोरिटी से कहीं अधिक बहुमत से कहीं अधिक विधायक मौजूद हैं और ऐसे में उन्हें किसी और विपक्षी पार्टी के विधायक से संपर्क करने की कोई भी जरूरत नहीं है. मनप्रीत बादल ने आम आदमी पार्टी के नेता एच एस फुल्का के आरोप को बेबुनियाद बताया.
दिल्ली के साथ-साथ पंजाब में भी आम आदमी पार्टी में भारी अंतर्कलह चल रहा है और ऐसे में एच एस फुल्का ने पार्टी में किसी तरह के बिखराव और विद्रोह से पहले ही ये बात उछाल दी है कि बीजेपी और कांग्रेस पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है. हालांकि अभी तक ये बस आरोप ही है और अपने इस आरोप को साबित करने के एवज में आम आदमी पार्टी अब तक कोई भी सबूत पेश नहीं कर सकी है.