इस बात का ढोल तो हमेशा बीजेपी पीटती ही रहती है कि उनके मंत्री और नेता पूरी ईमानदारी के साथ अपना काम करते हैं और ऐसा ही कुछ देखने को भी मिला है। महिला एंव बाल विकास कंद्रीय मंत्री मेनका गांधी इन दिनों एम्स अस्पताल में अपना इलाज करा रही हैं। एम्स में उनका पत्थरी का इमरजेंसी ऑपरेशन होना है। अस्पताल में एडमिट होने के बावजूद मेनका अपने काम में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती हैं, इसलिए वे अस्पताल के कमरे से ही अपने अधिकारियों को ई-मेल के जरिए काम करने के दिशा-निर्देश दे रही हैं। मेनका नहीं चाहती कि उनकी गैर-मौजूदगी में कोई भी काम रुके इसलिए वे अस्पताल के बेड पर लेटे हुए ही सभी काम कर रही हैं।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद मेनका समय की बहुत पाबंद हैं। उन्हें कहीं भी देरी से जाना पसंद नहीं है। मेनका को लोग उनके समय का पाबंद होने के लिए जानते हैं। वह अपने कार्यालय शास्त्री भवन बिलकुल ठीक सुबह के 9 बजे पहुंच जाती हैं। पहले आई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आपको बता दें कि मेनका गांधी को सांस लेने में कुछ कठिनाई हो रही थी जिसके कारण उन्हें पीलीभीत के एक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था जहां से बाद में उन्हें दिल्ली के एम्स में रेफर कर दिया गया था। मेनका को सांस की परेशानी का डॉकटरों ने खंडन करते हुए उन्हें पत्थरी की परेशानी होने की बात कही।
मेनका गांधी अपने दो दिन के दौरे के लिए शुक्रवार (2 जून,2017) को पीलीभीत पहुंची थीं। अचानक ही उनके पेट में दर्द होना शुरु हो गया जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में 3 बजे के करीब भर्ती कराया गया था। गौरतलब है मेनका गांधी ने राज्य में प्रशासन व्यवस्था को लेकर काफी सवाल उठाए थे। 30 मई को उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया थे कि उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग पिछले 15 वर्षों में सड़ चुका है और पिछली सरकारों ने अधिकारियों से रिश्वत लेकर उनकी तैनाती की होगी। मेनका ने कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए पिछली सरकारों को दोषी ठहराया था और कहा था कि राज्य में पुलिस व्यवस्था अराजक स्थिति में है जिसे ठीक करना होगा।