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बब्बर खालसा के दो संदिग्धों को यूपी ATS ने किया अरेस्ट…

लखनऊ: बब्बर खालसा के उग्रवादियों को हथियार सप्लाई करने वाले दो लोगों को यूपी ATS और पंजाब पुलिस की ज्वाइंट टीम ने गिरफ्तार किया है। जितेन्द्र सिंह और सतनाम सिंह के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी था। इन दोनों की गिरफ्तार लखीमपुर से की गई है। इन दोनों संदिग्धों पर आरोप है कि बाबा बलवंत को हथियार सप्लाई करते थे। नाभा जेल ब्रेक कांड के बाद से थी तलाश

यूपी ATS के आईजी असीम अरुण ने बताया, ” नवंबर 2016 में पंजाब में हुए नाभा जेल ब्रेक कांड के बाद से तलाश थी। नाभा जेल ब्रेक कांड के सामने आने के बाद उसके अभियुक्तों पर हथियार सप्लाई करने और सहयोग देने के आरोप में उनकी तलाश थी।”

– “जिन दो लोगों की तलाश थी, उनमें जितेन्द्र सिंह का नाम था। ज्वाइंट टीम ने लखीमपुर के मैलानी इलाके से गिरफ्तार किया था। दूसरी गिरफ्तारी सतनाम सिंह की लखीमपुर के कोतवाली क्षेैत्र से हुई है। दोनों के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी था।

-असीम अरुण ने ये भी बताया, ” 16 अगस्त 2017 को लखनऊ से गिरफ्तार किए गए बलवंत सिंह से पूछताछ में सतनाम सिंह का नाम सामने आया था, जिसके बाद से उसकी तलाश की जा रही है। दोनों की गिरफ्तारी में यूपी ATS, पंजाब पुलिस की टीम के साथ लखीमपुर पुलिस का सहयोग था।

16 अगस्त को हुई थी बलवंत सिंह की गिरफ्तारी
-16 अगस्त को यूपी एटीएस ने ही बलवंत सिंह को लखनऊ के ऐशबाग इलाके से अरेस्ट किया था। एटीएस को उसके यहां होने की जानकारी पंजाब पुलिस से मिली थी। बलवंत पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर शहर से वॉन्टेड है। उस पर बब्बर खालसा के मेंबर होने का आरोप है।

– बताया जा रहा है कि 10 अगस्त 2017 को पंजाब पुलिस ने मोहाली से बलवंत के 4 साथियों को अरेस्ट किया था, जिसमें एक महिला भी शामिल थी। इनमें से ज्यादातर मेंबर बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े रहे हैं।

– 16 अगस्त से पहले पुलिस ने इसी संगठन के 5 बदमाशों को गिरफ्तार किया था, जिसमें दो गुरदासपुर, एक लुधियाना और एक अमृतसर से थे। बलवंत के पास से असलहे भी बरामद हुए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

– जानकारी के मुताबिक, 16 अगस्त से पहले 3 महीनों से बलवंत का लखनऊ में आना-जाना लगा हुआ था। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस आतंकी संगठन ने 20 से ज्यादा नौजवानों को जोड़ा है। संगठन से जुड़े युवा पाकिस्तान और इंग्लैड में रह रहे हैं। इन्होंने खालिस्तान जिंदाबाद नाम से एक ग्रुप भी बनाया था और इन्हें इंग्लैंड, जर्मनी और कनाडा से फंड की व्यवस्था कराई जा रही थी।

क्या है बब्बर खालसा?
– माना जाता है कि पंजाब में आतंक की शुरुआत 1978 में निरंकारी और अकालियों के बीच अमृतसर में हुए कत्लेआम से हुई। इसके बाद 1980 में निरंकारी बाबा की दिल्ली में हत्या कर दी गई।

– इस दौरान गर्म ख्याली संगठनों जैसे बब्बर खालसा और बब्बर खालसा इंटरनेशनल अस्तित्व में आए। इसके बाद पंजाब में आतंकी संगठन एक्ट‍िव हुए और जरनैल सिंह भिंडरवाला ने दरबार साहिब अमृतसर को अपनी एक्ट‍िविटीज का केंद्र बनाया।

– ये वो समय था, जब पंजाब में आतंक काफी ज्यादा था। दरबार साहिब को भिंडरवाला और दूसरे आतंकियों से मुक्त कराने के लिए 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार हुआ।

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